गले के संक्रमण के लिए कुछ शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं      Publish Date : 21/08/2025

      गले के संक्रमण के लिए कुछ शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं

                                                                                                                                                    डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

गले का संक्रमण किसी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है। यदि आपका गला सूजा हुआ और आप गले दर्द महसूस करते और साथ ही आपको निगलने में कठिनाई भी हो सकती है। फ्लू और सामान्य सर्दी फ्लू वायरस एलर्जी, जीवाणु संक्रमण, प्रदूषित हवा में सांस लेने या धूम्रपान करना इस संक्रमण का कारण बन सकता है।

पारंपरिक उपचार जो केवल लक्षणों को दबाता है; साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। होम्योपैथी केवल लक्षणों को दबाने पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर रोग को भीतर से जड़ से खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करती है। सभी होम्योपैथिक उपचार धीरे-धीरे आपकी बीमारी का उपचार करते हैं और बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर देते हैं और इनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।

गले के संक्रमण के लिए कुछ चयनित होम्योपैथी औषधियाँ

                                                      

बेलाडोनाः बेलाडोना गले के संक्रमण के उपचार के लिए एक सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवाईयों में से एक है। बेलाडोना टॉन्सिलिटिस (गले के अंदर सफेद धब्बों के साथ सूजे हुए और लाल टॉन्सिल) और निगलने में कठिनाई के लिए भी एक अच्छा उपचार प्रदान करती है।

हीपर सल्फः यदि आपके गले में दर्द के साथ-साथ काँटा चुभने जैसी अनुभूति हो रही है, तो यह हीपर सल्फ के लक्षणों में आता है जो गले के उपचार में बहुत लाभकारी हो सकता है।

फास्फोरसः फास्फोरस ‘पादरी के गले’ (बोलते समय स्वरयंत्र में होने वाली गुदगुदी) के लिए सबसे अच्छी दवा मानी जाती है।

लैकेसिसः गले में खराश होने पर कोई तरल पदार्थ भी निगलने में कठिनाई हो रही है तो उसका सबसे अच्छा इलाज लैकेसिस से किया जाता है। क्रोनिक टॉन्सिलिटिस का भी लैकेसिस से इलाज किया जाता है।

इग्नेसियाः यदि आपको ऐसा महसूस हो कि आपके गले में कोई गांठ पड़ गई है और आप आसानी से भोजन भी नहीं निगल पा रहे हैं, तो स परेशानी में इग्नेसिया आपके लिए अच्छा उपाय रहेगा।

ब्रायोनियाः ब्रायोनिया का उपयोग सूखी  खांसी के साथ गले में खराश के इलाज के लिए किया जाता है।

ड्रोसेराः गले में दर्द के साथ ऐंठन वाली सूखी खांसी का सबसे अच्छा इलाज ड्रोसेरा से किया जाता है।

मर्क सोलः मर्क सोल के माध्यम से गले का लाल होना, सूजन और दर्द ठीक होता है। मौसम में बदलाव के साथ गले की समस्या बढ़ने पर भी इस दवा से आराम मिलता है।

आर्सेनिकम एल्बमः अगर आपको सर्दी-जुकाम के साथ गले में खराश भी होती है, तो आप आर्सेनिकम एल्बम का विकल्प चुन सकते हैं। अगर आपकी नाक से पानी जैसा और पतला स्राव निकलता है, तो भी यह दवा उपयोगी सिद्व होती है।

एकोनाइटः सामान्य सर्दी और छींक के कारण होने वाली जलन और दर्दनाक गले की खराश का एकोनाइट से अच्छा इलाज किया जाता है।

कॉस्टिकमः कई बार चिल्लाने या लगातार ऊंची आवाज में बात करने से भी गला खराब हो सकता है। ऐसी स्थिति में कॉस्टिकम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

अर्जेन्टम मेटालिकमः यदि आपके गले में दर्द है और आवाज पर दबाव डालने के कारण दर्द और बदतर हो जाता है, तो इस समस्या में अर्जेन्टम मेटालिकम सहायक हो सकती है।

कैमोमिलाः कैमोमिला ज्यादातर उन बच्चों को दी जाती है जिनके गले में दर्द होता है और छाती में बलगम जम जाता है।

बैराइटा कार्बोनिकाः बच्चों में बढ़े हुए टॉन्सिल, दर्दनाक और गले में खराश का सबसे अच्छा इलाज बैराइटा कार्बोनिका से किया जाता है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें। अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी एवं उपचार के लिए फोन नं0 9897702775 पर सम्पर्क करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं।