
भावांतर भरपाई योजनाः बागवानी किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच Publish Date : 18/10/2025
भावांतर भरपाई योजनाः बागवानी किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा
बागवानी किसानों के लिए एक विशेष योजना
हरियाणा सरकार ने बागवानी फसलों की खेती को जोखिम मुक्त बनाने के लिए भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) को आरम्भ किया है। इस योजना के माध्यम से बागवानी किसानों को मंड़ी में उनकी उपज का भाव कम मिलने से होने वाले नुकसान से बचाएगी।
फिलहाल सरकार ने इस योजना में 21 बागवानी फसलों को शामिल किया है। शामिल की गई फसलों में भिण्ड़ी, टमाटर, प्याज, मिर्च, लौकी, करेला, पत्तागोभी, आलू, फूलगोभी, गाजर, मटर, बैंगन, हल्दी, आम, अमरूद और किन्नू के जैसी प्रमुख फसलें हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र सोनीपत के विशेषज्ञ परिमेंद्र मलिक ने बताया कि इस योजना की प्रमुख विशेषता यह है कि यदि मंड़ी में किसी भी फसल निर्धारित और संरक्षित मूल्य से कम हो जाता है तो सरकार भाव के इस अंतर की भरपाई सीधे किसान के बैंक खोते में करती है। इस योजना का लाभ भूमि मालिक, पटटेदार अथवा किराए पर खेती करने वाले किसान को मिल सकेगा।
राज्य एवं जिला स्तर पर गठित कमेटी करेगी मूल्यांकनः
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति और डीसी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति का गठन भी कर लिया गया है। यह समितियाँ इस योजना का समय-समय पर मूल्यांकन करेंगी। इस योजना के सम्बन्ध में किसान अपने जिला उद्यान अधिकरी या मार्केटिंग बोर्ड के ठीएमईओ से सम्पर्क स्थापित कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पंजीकरण और योजना का लाभ लेने की प्रक्रियाः
सरकारद्वारा संचालित योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए फसल की बुवाई के दौरान ही ‘‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’’पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। यह पंजीकरण निःशुल्क होता है और निर्धारित अवधि के दौरान सर्व सेवा केन्द्र, ई-दिशा केन्द्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग और इंटरनेट कियोस्क पर उपलब्ध है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।