पोल्ट्री फार्मिंग से कमाएं कम समय में अधिक मुनाफा      Publish Date : 08/10/2025

          पोल्ट्री फार्मिंग से कमाएं कम समय में अधिक मुनाफा

                                                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं अन्य

देश में पोल्ट्री फार्मिंग की ओर भी किसानों का रुख अब तेजी के साथ बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों को अपनी डाइट में प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है और मार्केट में अंडे और मीट की मांग बहुत अधिक है। ऐसे में हमारे कृषि विशेषज्ञ सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर बता रहें हैं कि कैसे किसान भाई मुर्गी पालन कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

पोल्ट्री फार्मिंग किसानों के लिए रोजगार और आय का एक बेहतर और लाभकारी विकल्प बन कर सामने आया है। आज के समय में किसान केवल परंपरागत खेती तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आय के नए स्रोत खोजने के लिए मुर्गी पालन जैसे आधुनिक और प्रोटीन युक्त उत्पादों वाले क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से कदम बढ़ा रहे हैं। बाजार में प्रोटीन युक्त अंडों और ताजे मांस की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह व्यवसाय किसानों के लिए अधिक आकर्षक आय के अवसर प्रदान करता है।

                                                            

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब किसान इस व्यवसाय में काफी उत्साह दिखा रहे हैं, क्योंकि पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय न केवल काफी कम निवेश में शुरू किया जा सकता है, बल्कि इसके माध्यम से अच्छा लाभ भी कमाया जा सकता है। वर्तमान समय में यह व्यवसाय छोटे और मध्यम स्तर के किसानों के लिए रोजगार का स्थायी स्रोत बन चुका है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।

इसके अलावा, मुर्गी पालन किसानों की कृषि पर निर्भरता कम करने और आय के विविध स्रोत विकसित करने का अवसर भी प्रदान करता है। ऐसे में आइए पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के बारे में बता रहें हैं हमारे विशेषज्ञ-

वर्तमान समय में किसान क्यों पोल्ट्री फार्मिंग की ओर आकर्षित हो रहे हैं?

पोल्ट्री फार्मिंग खर्च

एक पोल्ट्री फार्म चलाने के लिए तीन मुख्य खर्च होते हैं-

  • फीड का खर्च।
  • दवाईयां और टीकाकरण।
  • प्रबंधन और बिजली- पानी का खर्च।

वहीं मीडिया एक रिपोर्ट के अनुसार मुर्गी पालन में फीड का खर्च लगभग 65 से 70 प्रतिशत तक होता है, इसलिए किसानों को फीड प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। अगर फार्म की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और बायो-सिक्योरिटी नियमों का पालन किया जाए, तो इस फील्ड में दवाईयों की आवश्यकता भी कम पड़ेगी और खर्च भी कम होगा जिससे कुल मिलाकर किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।

उचित फीडिंग

                                                       

मुर्गी पालन के अन्तर्गत सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा फीडिंग का होता है, इसलिए किसानों को इसका विशेष तरह से प्रबंधन करना बहुत जरुरी है। चूजों को पहले 15 दिन तक बारीक दलिया खिलाएं मतलब 15 दिन तक छोटी ग्रिट देना शुरू करना है और याद रहे कि मुर्गीयों को उनकी उम्र के हिसाब से स्टार्टर्स, ग्रोअर्स, और फिनिशर फीड देना चाहिए, क्योंकि इस आहार में उचित मात्रा में मिनरल्स, विटामिन का अच्छा मिश्रण होता है और यदि संभव हो सके तो किसान अपने खेत की सामग्री से ही मुर्गीयों का फीड तैयार करने का प्रयास करें, जिससे कि लागत कम और मुनाफा अधिक हो सके।

चूजों के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे नाजुक समय होता है छोटे चूजों की देखभाल करना। अगर इस समय में किसानों से कोई भी चूक हो गयी तो उन्हें बड़े घाटे का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए फार्म की सफाई के लिए कीटाणुनाशक का पूर्ण रूप से उपयोग करना चाहिए और ब्रूडर में उचित गर्मी के स्तर को बनाएं रखें। वहीं शुरुआत में चूजों को चिक गार्ड में रखा जाना चाहिए, फिर इसके 8 से 10 दिन बाद हटा देना चाहिए और सदैव याद रखें कि ब्रूडर में गर्मी का तापमान सही बनाकर रखें ताकि चूजों के विकास में कोई रुकावट न आएं।

सरकारी योजना और सहायता

केंद्र और राज्य सरकारें पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-

समेकित मुर्गी विकास योजना- इस योजना के तहत युवाओं को सरकार मुर्गी पालन के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान देती है। इसी प्रकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत भी किसानों को मुर्गी फार्म को स्थापित करने और उपकरण खरीदने पर सरकार 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी या छूट देती है।

किसानों के लिए कुछ आवश्यक टिप्स

  • किसान भाई यदि मुर्गी पालन का व्यवसाय करने की सोच रहें है तो वह हमेशा ध्यान रखें कि हमेशा स्वस्थ और टीकाकृत चूजे ही खरीदने को प्राथमिकता दें।
  • इसके अलावा फार्म की साफ-सफाई के प्रति बिल्कुल भी समझौता न करना चाहिए और अच्छी तरह से साफ-सफाई कर मुर्गीयों की सुरक्षा को सुनिशिचत् करें।
  • मुर्गीयों में टीकाकरण तारिख को कभी भी अनदेखा ना करें और समय पर मुर्गियों का टीकाकरण अवश्य करवाएं।
  • साथ ही नियमित रूप से पशु चिकित्सक से सलाह लेते रहें।
  • इस बात पर तो आवश्यक रूप से ध्यान देना चाहिए कि अडें और मांस की बिक्री के लिए स्थानीय बाजारों से ही संर्पक करना उचित रहता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।