अब सूखे में भी गेहूं की खेती हो सकेगी संभव      Publish Date : 06/10/2025

              अब सूखे में भी गेहूं की खेती हो सकेगी संभव

                                                                                                                                                                प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी  

‘‘नव विकसित सूखा सहनशील किस्म, अमेरिका में होगी खेती की शुरुआत’’

गेहूं की यह नई किस्म HB-4 तकनीक पर आधारित है, जिसमें सूरजमुखी का एक जीन सूखा सहनशीलता के लिए और स्ट्रेप्टोमाइसेस हाइग्रोस्कोपिकस का जीन ग्लुफोसिनेट हर्बीसाइड सहनशीलता के लिए जोड़ा गया है। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने अगस्त 2024 में इस किस्म की खेती के लिए स्वीकृति भी प्रदान कर दी थी।

दुनिया भर में बढ़ते जलवायु संकट और सूखे की बढ़ती चुनौतियों के बीच गेहूं की एक नई किस्म किसानों के लिए एक उम्मीद बनकर सामने आई है। अर्जेंटीना की एग्रीटेक कंपनी बायोसेरेस क्रॉप सॉल्यूशंस (Bioceres Crop Solutions) ने अमेरिका में सूखा सहनशील HB-4 जीन संवर्धित गेहूं (GM Wheat) को पेश करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने कोलोराडो व्हीट रिसर्च फाउंडेशन (CWRF) के साथ रणनीतिक साझेदारी भी कर ली है।

                                                            

गेहूं की यह किस्म HB-4 तकनीक पर आधारित है, जिसमें सूरजमुखी का एक जीन सूखा सहनशीलता के लिए और Streptomyces Hygroscopicus का जीन ग्लुफोसिनेट हर्बीसाइड सहनशीलता के लिए जोड़ा गया है और अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के द्वारा अगस्त 2024 में इस किस्म की खेती करने के लिए अपनी स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है।

3 से 4 साल के बाद होगी किसानों तक पहुंच

किस्म के सम्बन्ध में बायोसेरेस ने कहा है कि इस तकनीक को कोलोराडो व्हीट रिसर्च फाउंडेशन की अमेरिकी गेहूं नवाचार क्षमता के साथ मिलाकर अगली पीढ़ी के गेहूं उत्पादन की प्रणाली बनाई जाएगी। विश्लेषकों का मानना है कि किसानों तक यह किस्म पहुंचने में अभी कम से कम 3 से 4 साल का समय लग सकता है। कंपनी की ओर से दावा किया कि यह प्रणाली जलवायु सहनशीलता और जिम्मेदार खरपतवार प्रबंधन को जोड़कर उत्पादकता और आपूर्ति एवं स्थिरता में काफी सुधार करेगी।

ओपन लाइसेंसिंग और वैश्विक मंजूरी

समझौते के तहत CWRF को अमेरिका में HB-4 गेहूं के लिए विशेष सब-लाइसेंसिंग अधिकार प्रदान किए जाएंगे। इसमें संगठन ट्रेट मैनेजर की भूमिका निभाएगा और इस तकनीक को तीसरे पक्ष के प्रजनन कार्यक्रमों व वाणिज्यिक चैनलों तक भी पहुंचाएगा। साथ ही नई हर्बीसाइड फॉर्मूलेशन भी विकसित किए जाने की तैयारी भी है।

हालांकि, बायोसेरेस को अभी अमेरिकी बीज निर्माताओं के साथ फील्ड ट्रायल करने होंगे और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से निर्यात अनुमोदन भी प्राप्त करना होगा। कंपनी ने कहा कि HB-4 गेहूं का यह ट्रेट किसी भी सार्वजनिक या निजी प्रजनन कार्यक्रम को ओपन लाइसेंसिंग मॉडल के तहत उपलब्ध कराया जाएगा।                                                           

कोलोराडो व्हीट रिसर्च फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक ब्रैड एरकर ने कहा कि संगठन “HB-4 तकनीक की ओपन और इनक्लूसिव एक्सेस” नीति का समर्थन करेगा। बायोसेरेस सभी नियामक गतिविधियों का नेतृत्व करेगा और सुनिश्चित करेगा कि यह तकनीक अमेरिकी गेहूं उद्योग की बायोटेक्नोलॉजी संबंधी नीतियों के अनुरूप बनी रहे।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।