
लाइकोपोडियम जापोनिकमः एक ऐसा पौधा, जिसका प्रयोग करने से कई बड़े रोग हो जाते हैं दूर Publish Date : 17/09/2025
लाइकोपोडियम जापोनिकमः एक ऐसा पौधा, जिसका प्रयोग करने से कई बड़े रोग हो जाते हैं दूर
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
लाइकोपोडियम जापोनिकम के पौधे में बेशुमार औषधीय गुण पाए जाते हैं। इस पौधें के बारें में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने बताया कि इस पौधे के सम्बन्ध में कहा जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों ने रात में रोशनी के लिए इस पौधे को जलाकर उपयोग किया था। बाद में जब इसके औषधीय गुणों के बारे में पता चला तो इसकी मांग तेजी से बढ़ी, लेकिन जलवायु परिवर्तन और अंधाधुंध दोहन होने के चलते यह प्रजाति अब धीरे-धीरे लुप्तप्राय होती जा रही है।
हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियां भी अब वैज्ञानिकों के लिए भी खोज करने का एक नया केंद्र बनती जा रही हैं। मंडी जिले की बरोट घाटी में पहली बार इस दुर्लभ वनस्पति लाइकोपोडियम जापोनिकम (जिसे क्लब-मॉस या वुल्फ फट भी कहा जाता है) की खोज की गई है। ज्ञात हो कि यह पौधा अभी तक केवल चीन, जापान और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ही पाया जाता था। खास बात यह है कि इस पौधे का होम्योपैथी में दवा बनाने में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और यह पाचन शक्ति बढ़ाने, चर्म रोगों और लीवर आदि से जुड़ी समस्याओं के लिए एक रामबाण माना जाता है।
इसकी खोज डीएवी कॉलेज, होशियारपुर के सहायक प्रोफेसर और टेरिडोलॉजिस्ट डॉ0 सुनील कुमार वर्मा ने 20 वर्षों के लंबे शोध के बाद की है। इस खोज की पुष्टि इंडियन फर्न जर्नल और मशहूर टेरिडोलॉजिस्ट प्रो. एस.पी. खुल्लर के द्वारा भी की जा चुकी है।
कहां और कैसे उगता है यह पौधा
- यह प्रजाति आमतौर पर 1,800 से 2,000 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई पर पाई जाती है।
- इसे उगने के लिए ठंडा और नमी वाला वातावरण चाहिए।
- यह पौधा नदी-झील के किनारों पर, खासकर बारिश के दौरान पनपता है।
- अम्लीय मिट्टी, जंगल का मलबा और चट्टानी सतह इसके लिए उपयुक्त मानी जाती है।
पौधे का ऐतिहासिक महत्व
बताया जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों ने रात में रोशनी के लिए इसे जलाकर उपयोग किया था। बाद में जब इसके औषधीय गुणों का पता चला तो इसकी मांग तेजी से बढ़ी। लेकिन जलवायु परिवर्तन और अंधाधुंध दोहन के चलते यह प्रजाति धीरे-धीरे लुप्तप्राय होती जा रही है।
पौधे के विभिन्न उपयोग
- होम्योपैथी की दवाओंको बनाने में इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- यह पाचन शक्ति को दुरुस्त करने और उसे बढ़ाने में सहायक होता है।
- चर्म रोगों और लीवर से जुड़ी अधिकांश बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है।
- इसमें मौजूद पोटेशियम संक्रमण और सूजन को कम करने का काम करता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डीएवी कॉलेज, होशियारपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ0 सुनील वर्मा कहते हैं, “बरोट घाटी में दुर्लभ प्रजाति की वनस्पति लाइकोपोडियम जापोनिकम मिली है। प्रमुख रूप से यह चीन, जापान जैसे देशों में पाई जाती है। होम्योपैथी की दवाएं बनाने में इसका उपयोग किया जाता है।”
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।