उम्र के साथ बड़े होते सपने      Publish Date : 22/07/2025

                      उम्र के साथ बड़े होते सपने

                                                                                                                                            प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो आपने नेताओं से लेकर आम जन के मुंह से खूब सुना ही होगा, लेकिन हरियाणा के हिसार में रहने वाली हिंदी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 पूजा अलाहन का कहना है कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ नारे के साथ ही साथ ‘बहू बचाओं, बहू पढ़ाओ’ के नारे को भी हमें साकार रूप देना होगा। समाज का चाहे कोई भी क्षेत्र हो, शिक्षा हो या खेल या फिर अंतरिक्ष पर जाना हो, अपने पिता के घर में ही बेटियां स्वतंत्र रूप से निर्णय ले पा रही है। लेकिन हमारे समाज की यह विडंबना है, जो अधिकतर देखने में आती है कि लड़कियां शादी के बाद एक के बाद एक जिम्मेदारियों का वहन करते हुए अपनी पढ़ाई को निरंतर नहीं रख पातीं और अक्सर बीच में ही छोड़ देती हैं। क्या उन्हें ससुराल पक्ष से वह सहयोग नहीं प्राप्त होता, जिसकी वे सही मायनों में हकदार होती हैं।

अतः आज हमें बहुओं की शिक्षा और उनकी समाज के प्रति कुछ करने की चाह को सकारात्मक दृष्टि देनी होगी। हरियाणा के भिवानी जिले में जन्मी और हिंसार के हांसी कस्बे में पली-बढ़ी पूजा ने एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा होने के बावजूद बड़े सपने देखे। वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं और हमेशा मेधावी छात्रा रहीं। लेकिन हिंदी में एमए की पढ़ाई पूरी करते ही वर्ष 2009 में उनका विवाह कर दिया गया। पूजा ने महसूस किया कि समाज की नकारात्मक सौच और रोज-रोज का संघर्ष उनके अस्तित्व को मिटा रहा है, लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं थीं। अपनी बेटी की जिम्मेदारी और जीवन में कुछ कर दिखाने की ललक ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम बना दिया।

लगभग तीन साल तक अपनी शिक्षा को अल्प विराम देने के बाद उन्होंने अपने परिवार, बेटी महिका राठी के अलावा अन्य तमाम जिम्मेदारियों के बीच अपनी पढ़ाई दोबारा से शुरू की और वर्ष 2011 में जन संचार, वर्ष 2014 में बीएड, वर्ष 2015 में एमफिल और इसके बाद वर्ष 2024 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से ‘बाल मनोविज्ञान’ विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ ही डॉ0 पूजा अलाहन ने हरियाणा कर्मचारी सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में राज्य में प्रथम स्थान हासिल कर अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया। पूजा का शादी से पहले मिस इंडिया या मिस हरियाणा बनने का सपना आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद ‘मिसेज हरियाणा विजेता 2019’ और ‘मिसेज इंडिया फेस विजेता 2019’ बनकर साकार हुआ।

आज वह उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है, जो विषम परिस्थितियों के कारण अपने सपनों को छोड़ देती है। केवल यही नहीं, डॉ. पूजा अलाहन का सामाजिक योगदान भी अतुलनीय है। वह छात्र-छात्राओं को नेट जेआरएफ की तैयारी कराती है। इस प्रकार से उनके कई विद्यार्थी नेट जेआरएफ उत्तीर्ण कर पीएचडी में प्रवेश भी ले चुके हैं।

एक समाज सेविका के रूप में भी पूजा का योगदान सराहनीय रहा है। वह महिला सशक्तीकरण, नशा मुक्ति आंदोलन, हरियाणवी संस्कृति को रंगमंच पर बढ़ावा देने जैसे विभिन्न अभियानों से जुड़ी हुई है। पिछले पांच वर्षों से वह हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद से जुड़कर बच्चों के मार्गदर्शन और उनके विकास के लिए कार्य कर रही है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को गोद लेना और उनकी स्कूल फीस, यूनिफॉर्म, शिक्षा आदि का खर्च उठाते हुए उनका पालन-पोषण करना आदि, उनके इन उत्कृष्ट कार्यों में शामिल है।

शैक्षणिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें हरियाणा सरकार की ओर से वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। पूजा अपनी बेटी को भी यही सीख देती हैं कि वह अपनी सोच को सदैव स्वतंत्र रखे। किसी के दबाव में आकर अपनी ख्वाहिशों और सपनों का गला न घोटे।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।