
वातावरण में हीट वेव में बढ़ोतरी के साथ नमी बढ़ने से हो रही है भयानक गर्मी Publish Date : 17/06/2025
वातावरण में हीट वेव में बढ़ोतरी के साथ नमी बढ़ने से हो रही है भयानक गर्मी
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
ग्लोबल वार्मिंग के कारण लू के इलाकों का विस्तार तथा हवा की गति में कमी है खतरनाक। ग्लोबल वार्मिंग के कारण हवा में नमी बढ़ती जा रही है गर्मी के पैटर्न में यह सबसे बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी से नमी का स्तर 7 प्रतिशत तक बढ़ता जा रहा है। क्लाइमेट ट्रेंड्स के शोध के अनुसार प्री-मानसून के दौरान हवा की गति में कमी और लू इलाकों का विस्तार भी चिंता पैदा कर रहा है। मौसम विभाग के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के चलते हवा में नमी बढ़ने की क्षमता हर एक डिग्री तापमान वृद्धि पर 7 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही कारण है कि अब सूखे इलाकों में भी उमस बढ़ रही है और नमी का असर और ज्यादा जानलेवा बनता जा रहा है। इस सीजन में पहले बारिश और बादलों के कारण तापमान सामान्य से काम बना रहा। दिल्ली में तो इस साल में रिकॉर्ड 186.4 मिलीमीटर बारिश हुई, लेकिन जून के पहले हफ्ते से हालात बदल गए। पश्चिमी विक्षोभ की कमी और रेगिस्तान से उठती सुखी गर्म हवाएं अब पूरे उत्तर भारत आने लगी है।
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल की भीषण गर्मी ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम प्रणाली में हुए बदलाव का ही नतीजा रही है। क्लाइमेट वेदर की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार मानसून की चाल थमी हुई है। इस बार अत्यधिक हीट वेव केवल राजस्थान और विदर्भ तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे भारत में चल रही है। इस बार जम्मू कश्मीर, केरल और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी दो दशकों से हीट वेव देखी गई है। वर्ष 1981 से 2019 के बीच उत्तर भारत में अत्यधिक गर्मी से असहनीय दिन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बार हवा की गति में कमी और लू के इलाकों का विस्तार खतरनाक संकेत दे रहा है। इसलिए हम सभी लोगों का प्रयास होना चाहिए कि इस बढ़ती गर्मी से बचने के लिए समय रहते आगे आए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके तथा वातावरण को नुकसान पहुंचाने वाली तकनीक का इस्तेमाल कम करके अपने जीवन को सुरक्षित करें।
गर्मी और धूप से दूरी लू से बचने के लिए है जरूरी समान एवं सावधानियों को अपनाना चाहिए-
- धूप में निकलने पर छाता, टोपी और गमछा आदि का इस्तेमाल करें।
- हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े ही पहनकर घर से निकलें।
- तरल पदार्थ जैसे ओआरएस, नींबू पानी और छाछ आदि का सेवन करते रहें।
- तला भुना बासी अथवा भारी भोजन/गरिष्ठ से परहेज करें।
- लू के लक्षण जैसे चक्कर आना, बुखार और उल्टी आदि दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
बच्चों और बुजुर्गों का लू से बचाव कैसे करें?
- पूर्वाहन 11:00 से अपराह्न 4:00 के बीच घर से बाहर न निकलने दें।
- सर को टोपी या गमछा से ढके और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनाए।
- नियमित अंतराल पर पानी नींबू पानी, आम बना और छाछ आदि तरल पदार्थ पीते रहें।
- चक्कर, बुखार उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
किसानों का लू से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- सुबह और शाम के समय खेतों में काम करें दोपहर में आराम करें।
- सिर गर्दन और शरीर पर गमछा या कपड़ों से ढकें।
- खेतों पर अपनी छाया और ओआरएस की व्यवस्था बनाकर अपने साथ रखें।
- हल्का भोजन करें और बीच-बीच में अवश्य आराम करे।
- गर्मी में अचानक थकान या चक्कर आए तो तुरंत छाया में रुके बैठे और आराम करें।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।