कैसे बनें एक बेहतर कम्युनिकेटर?      Publish Date : 09/05/2025

                  कैसे बनें एक बेहतर कम्युनिकेटर?

                                                                                                                                               प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

अगर आप किसी की कम्युनिकेशन स्किल्स को देखकर हैरान हैं और उनकी वाक-कुशलता आपको भी उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित कर रही है, तो कुछ खास बातों को अपनी डेली रुटीन का हिस्सा बनाकर आप भी एक स्किल्ड कम्युनिकेटर बन सकते हैं। क्या हैं, वे कुछ खास बातें, उन पर एक नजर-

आज किसी भी प्रोफेशन में उन्हीं कैंडिडेट्स को वरीयता दी जाती है, जो कि कुशल संवाद में माहिर होते हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा व्याकरण संबंधी ज्ञान कितना ही परिपक्व क्यों न हो, जब तक हमारी बातचीत के क्रम में इसकी झलक नहीं मिलती है, तब तक हम लोगों की नजर में नहीं आ पाते हैं। दरअसल, आज किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए हमारी कम्युनिकेशन स्किल का योगदान सबसे ज्यादा होता है।

यह बात आज इतनी अहम हो गई है कि ज्यादातर लोग अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न संस्थानों की ओर धड़ल्ले से अपना रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या केवल इन संस्थानों की मदद लेने भर से हम अपने उद्देश्य में कामयाब हो सकते हैं? शायद नहीं। क्योंकि इससे हम केवल ध्योरिटिकॅल बातें ही ज्यादा जान पाते हैं। दरअसल, प्रैक्टिकॅली फिट होने के लिए हमें खुद भी इस दिशा में एक ईमानदार प्रयास की जरूरत है। क्या हो सकते हैं वे प्रयास, बता रहे हैं प्रोफेसर आर. एस. सेंगर-

सलाहकार की लें मदद

                                               

अगर आपको कभी ऐसा महसूस हो कि जो हम सोचते हैं, उसी रूप में उसे अभिव्यक्त नहीं कर पा रहे हैं, तो बेहतर यही होगा कि हम अपनी अभिव्यक्ति पर नजर रखने के लिए किसी सलाहकार की मदद लें। दरअसल, हमारी कम्युनिकेशन स्किल की निगरानी करने वाला वह व्यक्ति हमारी कमियों की ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकता है। एक कुशल सलाहकार हमारी खूबियों से भी हमें परिचित कराकर, हमें इस दिशा में और भी सकारात्मक रूप से प्रेरित करने का काम कर सकता है।

विकसित करें कुछ आदतें

जाहिर है, एक कुशल कम्युनिकेटर बनने के लिए आपको अपने अंदर कुछ आदतें विकसित करनी होंगी। जैसे हमेशा यही कोशिश करें कि आपकी बातचीत करनें का तरीका औरों से अलग हो। इसके लिए नीचे लिखी कुछ बातों को अपने रुटीन का अहम हिस्सा बनाएं-.

  • अपनी बातचीत में मुहावरों और कहावतों को भी समुचित स्थान दें।
  • शब्दों और वाक्यों का सही इस्तेमाल करना सीखें।
  • कहां, किससे और कैसे बात की जानी चाहिए और आपके बोलने का सलीका कैसा हो, इसे जानें और इसे अपने व्यवहार में भी शामिल करें।

रीडिंग हैबिट होगी कारगर

हमारी कम्युनिकेशन स्किल का अहम हिस्सा होता है-हमारा नॉलेज लेर्वेल। सच तो यह है कि हमेशा कुछ-न-कुछ पढ़ते रहने से विचारों के विकास के साथ-साथ हमारी भाषा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हां, अगर हम कुछ पढ़ते समय डिक्शनरी को भी साथ रखें, तो हम रोज ही अपने शब्दकोश में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।

दूसरों को भी दें स्पेस

केवल अपनी बात कह भर लेने से ही हम एक कुशल संवाद करने वाला नहीं बन सकते, क्योंकि जब तक सामने वाले के विचारों को भी हम समान रूप से स्पेस नहीं देंगे, हमारा संवाद अधूरा और असफल रहेगा। अगर श्रोता अच्छा होगा, तो आप अपने उद्देश्य में आसानी से सफल हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी होगा कि एक कुशल वक्ता के साथ-साथ आप स्वयं भी एक बेहतर श्रोता बनने का प्रयास करें।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।