
सेहत के लिए करें बाजरे के कप में चाय का सेवन Publish Date : 05/05/2025
सेहत के लिए करें बाजरे के कप में चाय का सेवन
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
गर्मागर्म चाय पीने के बाद यदि आप आइसक्रीम के कोन की तरह से इस कप को भी खा सके कैसा रहेगा। एक पंथ दो काल वाली कहावत का अनुसरण करते हुए पण्डित जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के छात्र भरत तोमर के द्वारा फाइबर और प्रोटीन से भरपूर बाजरे से चाय के इस कप को तैयार किया गया है।
मिलेट्स से निर्मित इस कप को राष्ट्रीय स्तर लगातार सराहना मिल रही है। राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के अन्तर्गत इस स्टार्टअप का चयन किया गया है और साथ ही इसे आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। बाजरे से तैयार किए गए इस कप में चाय 20 से 25 मिनट तक गर्म ही बनी रहती है। वर्तमान में यह कप एक रूपये से लेकर डेढ़ रूपये की कीमत में बेचा जा रहा है।
पर्यावरण के साथ आपकी सेहत भी रहेगी ठीक
इस कप को तैयार करने वाले छात्र भरत तोमर के अनुसार मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने बाजरे के इस कप को तैयार किया है, पर्यावरण और मानव की सेहत दोनों के लिए ही अच्छा है।
ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर साइंस की पढ़ाई करने वाले भरत वर्तमान में जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से मार्केटिंग इन एग्रीकल्चर से एमबीए कर रहे हैं। प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ0 मोनी थॉमस के अनुसार कृषि व्यवसाय इन्क्यूबेशन सेंटर के द्वारा भरत के स्टार्टअप को चयन कर लिया गया है और 100 से अधिक स्टार्टअप्स में से इसे प्रथम 11 स्टार्टअप्स में इसे शामिल किया गया है।
भारतीय कृषि मंत्रालय के माध्यम से अभी इस स्टार्टअप को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्राप्त हो चुकी है। इस स्टार्टअप को प्रारम्भ करने के पीछे उद्देश्य प्लास्टिक के कप के उपयोग को कम करना है।
पांच माह तक चलता है यह कप
कप तैयार करने वाले छात्र भरत तोमर ने बताया कि बाजरे के अलावा ऐसे कप ज्वार से भी बनाए जा सकते हैं। यह दोनों ही मोटे अनाज प्रोटीन और फाइबर से भरपूर और ग्लूटेन फ्री हैं। इन अनाजों से तैयार किए गए कप पांच महीने तक आराम से चल सकते हैं और 100 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन करने में सक्षम होते हैं। भविष्य में इस प्रकार के कप के साथ ही कुछ उत्पाद बनाने की योजना है। इन उत्पादों के विपणन के लिए अभी कंपनी नहीं बनाई गई है। इस कप को बनाने के लिए एडिबल कप मेंकिंग मशीन का उपयोग किया गया है, जिसकी बाजार में कीमत 2.5 से 3.00 लाख रूपये तक हैं। इस कप को शीघ्र ही मार्केट में लाँच करने की योजना है।
एक किलोग्राम बाजरे में होते हैं 100 कप तैयार
भरत तोमर ने बताया कि बाजार में इन दिनों बाजरा 60 से 70 रूपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है, ऐसे में यदि बाजरा सीधे किसान से खरीदा जाए तो कप की कीमत और कम हो जाएी। बाजरे का कप तैयार करने में साबूदाने का पाउडर और चॉकलेट भी मिलाई जाती है, जिससे कि चाय के स्वाद को बढ़ाया जा सके। इस कप का उपयोग बच्चों को दूध पिलाने में भी किया जा सकता है, और एक किलोग्राम बाजरे में 100 कप तैयार किए जा सकते हैं।
‘‘विश्वविद्यालय के छात्र भरत तोमर के इस स्टार्टअप को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त हुई है और राष्ट्रीय कृषि योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। बाजरे से बनाया गया कप निश्चित तौर पर पर्यावरण संतुलन के साथ ही सेहत को भी अच्छा बनाएगा। ऐसे में इस नवोन्मेष को भरपूर सराहना मिल रही है।’’
- डॉ0 पी. के. मिश्रा, कुलपति, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, जबलपुर।
पोषक तत्वों से भरपूर होता है बाजरा
बाजरा एक उत्तम आहार है। यह प्रोटीन, विटामिन जैसे- नियासिन, विटामिन बी और विटामिन ई तथा विभिन्न खनिज जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक आदि के सहित आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह सभी पोषक तत्व उत्तम पोषण प्रोफाइल प्रदान करते हैं और स्वस्थ आहार में भी योगदान प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा बाजरा फाइबर का भी एक अच्छा और उच्च स्रोत होता है, जो सेहत के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।