आलू के किसानों को राहत, मुनाफा भी बढ़ेगा      Publish Date : 17/04/2025

आलू के किसानों को राहत, मुनाफा भी बढ़ेगा

प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा

अब आलू के किसानों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने जा रही है, क्योंकि कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) के द्वारा नीदरलैंड की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘फ्रेंच फ्राइड’ के साथ करार किया गया है।

                                             

कृभको के चेयरमैन एवं अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संगठन के ऐशिया क्षेत्र के अध्ययक्ष डॉ0 चन्द्रपाल सिंह यादव नें बतायाय कि करार के तहत यह कंपनी किसानों से आलू खरीदकर उसका प्रसंस्करण करेगी। ऐसे में किसान जितना भी आलू कंपनी को दे सकेंगे यह कंपनी उनका उतना आलू ही खरीदेगी। केवल इतना ही नहीं, इसके लिए किसानों के आलू का उन्नत बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ0 यादव ने कहा कि अभी तक आलू के अधिक उत्पादन होने पर किसानों का अपनी पैदावार का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है और आलू को सड़कों पर फेंकने तक की स्थिति आ जाती है। परन्तु आने वाले समय में यह स्थिति नहीं रहेगी।

अब किसान भईयों को अपना आलू कोल्ड स्टोरेज में रखने की आवश्यकता नहीं होगी, किसान अपनी उपज को अब सीधे ही इस कंपनी को बेच सकेंगे। आलू के प्रसंस्करण का यह प्लांट उत्तर प्रदेश के शाहजहांपंर जिले में स्थापित किया जा रहा है और इस प्लांट को पूरा होने में दो साल का समय लगेगा। इस प्लांट के शुरू होने के बाद आलू किसानों को एक वैश्विक बाजार प्राप्त होगा, जिससे उनकी कमाई में कई गुना तक की वृद्वि हो सकेगी।

सरकारी बैंक होगे सुद्ढ़

                                              

कृभको के अध्ययक्ष ने बताया कि अब मोदी सरकार सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान करने जा रही है। सहकारी बैंकों की निगरानी का काम अब राष्ट्रीय बैंक आरबीआई करेगा, जिसके माध्यम से सहकारी बैंकों का कामकाज अब और अधिक पारदर्शी हो सकेगा। इसी क्रम में सहकार बैंकों की शाखओं में वृद्वि करने की अनुमति भी प्रदान की जा चुकी है, इससे सहकारी बैंकों का कार्यक्षेत्र और अधिक बढ़ सकेगा।

सहकारी आंदोजन के नाम है यह वर्ष

संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। इस वर्ष भारत सहित दुनियाभर में सहकारिता से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पूरे वर्षभर आयोजित होने वाले इन आयोजनों का कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में सहकारिता के प्रति जागरण किया जाएंगा। इसके तहत सहकारी संस्थाओं के द्वारा विशेषरूप से महिला किसानों के सशक्तिकरण पर जोर दिया जाएगा।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।