गुणवत्ता की कसौटी पर विफल कीटनाशक      Publish Date : 08/04/2025

           गुणवत्ता की कसौटी पर विफल कीटनाशक

                                                                                                        प्रोफेसर आ. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु

अक्सर किसानों की शिकायत रहती है कि कीटनाशकों का प्रयोग करने के उपरांत भी फसलों का बचाव रोगों और कीटों से नही हो पा रहा है। आरोप यह है कि नकली कीटनाशक धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। ऐसी ही शिकायतों को दखते हुए कृषि विभाग की टीमों ने गत फरवरी माह के दौरान विभिन्न दुकानों से बेचे जा रहे कीटनाशकों के सैम्ल लेकर जांच के लिए भेजे, जिनमें से पांच सैम्पल फेल पाए गए। अब कृषि विभाग की टीम ने इसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिस पर जिलाधिकारी के द्वारा सम्बन्धित विक्रेताओं के विरूद्व वाद दायर करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

                                              

फरवरी, 2025 में कृषि विभाग की टीमों ने विभिन्न दुकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान लिए गए 20 से अधिक सैम्पल जांच के लिए प्रयोशाला भेजे गए थे। अब प्रयोगशाला से जांच की यह रिपोर्ट आ गई है और इन 20 सैम्ल्स में से पांच सैप्लस जांच में असफल रहे। जिला कृषि रक्षा अधिकारी यतेन्द्र सिंह ने बताया कि जो नमूने फेल हैं वह किसान सेवा सेन्टर, बिलासपुर, नेशनल सीड स्टोर कचहरी रोड और मिगलानी बीज स्टोर पुरकाजी से प्राप्त किए गए थे।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, कीटनाशक क्लोरो प्लस साइपर नामक कीटनाशक के दो नमूने फेल पाए गए हैं, जबकि क्लोरो इंट्रा निलिक्रोल अर्थात कोरोजन, बाईपेंथलिन और टू-फोर-डी नामक कीटनाशक का एक-एक नमूना फेल हुआ है। इनमें से टू-फोर-डी एक खरपतवार नाशी रसायन है और शेष सभी कीटनाशक दवाएं हैं।

प्रयोगशाला की जांच में कुंल मिलकार पांच नमूनों को अधोमानक पाय गया है। सम्बन्धित दुकानदारों के विरूद्व कार्यवाई के लिए यह जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी मुज्जफ्फरनगर को भेज दी गई है। डीएम के द्वारा सम्बन्धित दुकानदारों के विरूद्व सीजेएम की अदालत में वाद दायर करने के निर्देश दे दिए हैं।

                                                      

सूत्रों ने जानकारी प्रदान की है कि आगामी बुधवार को यह वाद दायर कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी महोदय ने बताया कि कीटनाशक अधिनियम के अंतर्गत वाद थाने दर्ज नही कराया जाता है बल्क यह सीधे कार्ट में ही वाद दायर किया जाता है।

पिछले दो माह में चार दुकानदारों को चेतावनी दी जा चुकी है-

कृषि विभाग की टीम को निरीक्षण के दौरान कीटनाश दवाओं की दुकानों पर अनेक कमिया मिली थी। दस्तावेजों के अधूरा होने और किसानों को रसीद नहीं देने के जैस मामले भी सामने आए थे, जिसके चलते चार दकानदारों को नोटिस जारी किया गया था। इन दुकानदारों ने नोटिस का जवाब देते हुए भविष्य में आदेशों का अनुपालन करने की बात कही है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।