भारत की समृद्वि के सन्दर्भ में कृषि क्षेत्र का विकास      Publish Date : 09/03/2025

     भारत की समृद्वि के सन्दर्भ में कृषि क्षेत्र का विकास

                                                                                                           प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एचं अन्य

प्रधानमंत्री ने वेबिनार में कहा के बजट के प्रभावी क्रियन्वयन के तरीकों पर बल दिया जाना चाहिए-

                                          

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र को देश के विकास का इंजन बताया और कहा कि बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें अपनी कृषिगत क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करना होगा। प्रधानमंत्री ने बजट को विकसित भारत के विजन का नया विस्तार करार दिया और कहा कि यह समय विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि क्रियान्वयन के प्रभावी तरीकों पर बल देने का है, जिससे कि अच्छे से अच्छे और जल्द से जल्द परिणाम मिलना सुनिश्चित हो सकें।

कृषि एवं ग्रामीण पर राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट से जुड़े वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री निण्रयों एवं नीतियों को प्रभावी बनाने आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम दो लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ रहें हैं। कृषि सेक्टर के विकास के साथ ही साथ ग्रामीण समृद्वि। प्रयास यह है कि विकसित भारत में हमारे अन्नदाताओं को एक गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त हो।

पीएम ने नए बजट पर चर्चाओं से बचने की सलाह देते हुए कहा कि अब योजनाएं तो बन चुकी है, इसके बाद हमारा फोकस केवल उनके र्काान्वयन पर ही होना चाहिए। क्रियान्वयन में दिक्कत भी क्या है और किस प्रकार के बदलाव की आवश्यकता है आदि। निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के साथ सबको एक मत और लक्ष्य के साथ एक ही दिशा में चलना चाहिए। मोदी ने कहा कि देशभर के किसानो के लिए हमने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जिससे कि योजनाओं में बिचौलियों की गुजाईश ना रहें। उन्होंने हितधारकों से कहा कि आप जैसे अनुभवी लोगों का साथ मिल जाता है तो योजनाओं को मजबूती और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा जा सकता है।

                                       

मोदी ने हितधारकों को कृषि, ग्रामीण विकास और मत्स्य पालन क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वर्तमान में पोषण युक्त अन्न की मांग तेजी से बढ़ रही है। समुद्र में सतत मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना है। वर्ष 2019 में मत्स्य संपदा योजना को आरम्भ किया गया था। इसका परिणाम यह है कि आज मछली उत्पादन और उसका निर्यात दोगुना हो चुका है।

पीएम ने कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्व बनाने के लिए प्रतिबद्व है। इसके तहत पीएम आवास योजना के अन्तर्गत करोड़ों गरीब लोगों को घर दिया जा रहा है। ग्राम सड़क योजना के माध्यम से छोटे किसान और कारोबारियों को लाभ प्राप्त हुआ है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है और अब तक सवा करोड़ बन चुकी हैं। बजट में ग्रामीण समृद्वि और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार और निवेश के अवसर बढ़े हैं।

प्रधानमंत्री ने कृषि सेक्टर की विकास यात्रा को भी बताया। इस सम्बन्ध में उन्होने कहा कि कृषि का उत्पादन अपने रिकार्ड स्तर पर है। एक दशक पूर्व तक कृषि उपज 2,650 लाख टन के आसपास थी, जो अब बढ़कर 3,300 लाख टन हो चुका है। इसी प्रकार से बागवानी का उत्पादन भी बढ़कर 3,500 लाख टन से अधिक हो चुका है। यह बीज से बाजार तक की योजना, कृषि सुधार, किसानों का सशक्तिकरण और मजबूत वैल्यु चेन का ही परिणाम है। बड़े लक्ष्य के लिए बजट में धन-धान्य कृषि योजना का भी ऐलान किया गया है, जिसके अन्तर्गत देश के न्यूनतम कृषि उत्पदक जिलों पर फोकस किया जाना है।

                                       

दलहन में आयात पर निर्भरता का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि हमें दलहन के उत्पादन को बढ़ाना ही होगा, जतो कि पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा भी है। किंतु अभी भी घरेलू खपत का 20 प्रतिशत भाग आयात पर ही निर्भर है। हमने चने और मूंग में तो आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है, परन्तु तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा। पिछले एक दशक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने फसलों की 2,900 से अधिक नई किस्मों का विकास किया है।     

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।