
कंधा युवाओं का और बंदूक नेताओं की Publish Date : 27/09/2025
कंधा युवाओं का और बंदूक नेताओं की
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
भारत के चारों और देश में घटित होने वाली घटनाओं ने कुछ नेताओं को या देश को कमजोर करने वाली ताकतों को अपनी आकांक्षा पूरी करने का एक रास्ता दिखाया है, इसकी प्रयोगशाला के तौर पर उन्होंने दिल्ली या मुंबई जैसे शहर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को ही नहीं बल्कि लेह जैसे क्षेत्रों को चुना है। ऐसा करने वाले लोग शायद जानते हैं भारत में युवाओं के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना इतना आसान नहीं है।
लेह में हुए प्रदर्शनों में कांग्रेस के नेताओं की सहभागिता स्पष्ट दिखाई दे रही है, वही भाजपा के कार्यालय पर आगजनी इस बात का प्रमाण है कि यह कोई लोकतंत्र की आवाज नहीं है बल्कि पूरे भारत में नकार दी जा रही राजनीतिक विचारधारा की अस्तित्व को बचाने की आवाज है।
हाल ही में उत्तर भारत और दक्षिण भारत के विश्वविद्यालयो में छात्र संघ के चुनाव हुए जहां हर तरफ भारत माता की जय के नारो का उद्घोष करने वाले युवाओं के समूह ने युवा छात्रों का विश्वास प्राप्त किया है। लेह में जो कुछ घटित हो रहा है वह इन सब की प्रतिक्रिया के रूप में बौखलाहट का प्रदर्शन ही कहा जा सकता है।
इस प्रदर्शन के पीछे खड़े हुए नेता कितने निर्मम और निर्दयी हैं कि लाठी और गोली खाने के लिए भोले भाले युवकों को आगे कर अपने स्वार्थ की रोटियां सेक रहे हैं। आज जब भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढ़ रहा है तो निश्चित ही इसमें भारत के युवाओं की ही प्रमुख भूमिका है।
सरकार चुनने से लेकर उद्योगों में उत्पाद निर्माण करने या तकनीकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सर्वत्र भारतीय युवाओं का बोलबाला ही दिखाई दे रहा है। निश्चित ही स्वार्थी और भारत विरोधी नेताओं के षड्यंत्र सफल नहीं होने पाएंगे और आने वाले समय में पूरे देश के युवा मिलकर देश को अस्थिर करने वाली दूषित मानसिकता को कठोर उत्तर भी देंगे। क्योंकि भारत का युवा यह जानता है की भारत को हमें श्रेष्ठ और शक्ति संपन्न भारत बनाना है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।