
अधिक क्रोध आंतरिक शक्ति को कम करता है Publish Date : 31/08/2025
अधिक क्रोध आंतरिक शक्ति को कम करता है
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
क्रोध से व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार की क्षति पहुंचती है। हमारे ग्रन्थों में इसे दैत्य और पिशाच के रूप में वर्णित किया गया है। जब कोई मनुष्य क्रोध में होता है तो उसके शरीर का रक्त जलता है, जिससे अनेक बीमारियों को जन्म होता है।
महाभारत युद्ध के दौरान महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा भी था कि क्रोध करने से कई बीमारियां उत्पन्न होती हैं। तमाम वैज्ञानिक अध्ययन भी क्रोध के इस पहलू की पुष्टि करते हैं। इन अवगुणों को ध्यान में रखते हुए हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारा जीवन क्रोध मुक्त बना रहे।
यदि तमाम उपायों के बाद भी कभी क्रोध आ जाए तो उससे जल्दी ही छुटकारा पाने का प्रयास करना चाहिए। त्रेता युग में भगवान श्री राम को राजपाट के स्थान पर वनवास मिला लेकिन वह उससे क्रोधित नहीं हुए। रावण से युद्ध करते समय उन्होंने उसे चेतावनी दी लेकिन अपने संतुलन को नहीं बिगड़ने दिया, जबकि रावण ने क्रोध करके अपनी शक्ति को नष्ट कर लिया।
लंका कूच करते समय जब समुद्र से उन्हें रास्ता नहीं मिला, तब भी वह तुरंत ही क्रोधित नहीं हुए उन्होंने तीन दिनों तक प्रतीक्षा की और तीसरे दिन जब उन्हें क्रोध आया, तब समुद्र हाथ जोड़कर उनके सामने प्रकट हो गया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि क्रोध को नियंत्रित करने से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति मजबूत होती है।
यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में यह आदत डाल दे कि वह किसी भी स्थिति में क्रोध नहीं करेगा तो उसकी आंतरिक शक्ति अत्यंत मजबूत हो जाती है। वह जहां भी जाएगा वहां प्रसन्नता का माहौल बनेगा क्रोध न करने से मित्रों और शुभचिंतकों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
ऐसा व्यक्ति जब कोई कार्य प्रारंभ करता है तो मदद करने वाले लोगों की संख्या आगे आ जाती है और उसे सफलता भी मिलती है। इसके विपरीत क्रोधी व्यक्ति अकेला पड़ जाता है और लोग उसे दूर भागते हैं। क्रोध को नियंत्रित करना न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है बल्कि सामाजिक संबंधों के लिए भी यह बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
इसलिए जब भी क्रोध आए तो शांती पूर्वक सोचें कि कहीं इससे किसी को नुकसान तो नहीं होने वाला है। यदि आप क्रोध को नियंत्रित कर लेते हैं तो आपकी आंतरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है और आपका जीवन भी सफल बनता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।