सीखने की कोई उम्र नहीं होती      Publish Date : 10/07/2025

                  सीखने की कोई उम्र नहीं होती

                                                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

सिर्फ सीखना ही काफी नहीं, सफलता के लिए सीखने के कौशल को निरंतर मांजते रहना भी जरुरी होता है-

आज की पेशेवर दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में सफल होने के लिए जितना जरूरी सीखने की कला का विकास करना है, उतना ही खुद को परिस्थितियों के अनुकूल ढालना भी। इसलिए ऐसी स्थिति में आपको नई चीजों को नए तरीकों से करने हुनर तो लाना ही होगा, इसके अलावा खुद के अंदर कुछ जरूरी बदलाव भी करने होंगे।

आपके लिए यह भी आवश्यक है कि आप नए-नए कामों को करके अपने कौशलों को और निखारें, क्योंकि सफलता सिर्फ नई चीजें सीख लेने से ही नहीं मिलती, बल्कि आपको अपने कौशलों को निरंतर मांजते रहना होगा। इससे आपके कौशल निखरेंगे। सफल लोग अपने कॅरियर और भविष्य को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण रखते हैं। इसलिए आपको भी कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियों की पहचान अवश्य होनी चाहिए।

आकांक्षाएं हैं महत्वपूर्ण

आप जो नया कौशल सीख रहे हैं, उसके लिए उत्साह बहुत जरूरी है। नए कौशल के बारे में जिज्ञासा पैदा करें। इसमें कुछ ऐसा दिलचस्प या मूल्यवान होना चाहिए, जो आपके हित में हो। इसके लिए आपको अपनी महत्वाकांक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा। यह मानने के बजाय कि आप पहले से ही कुशल हैं, अपने मौजूदा कौशल स्तरों पर सवाल उठाकर आत्म-जागरूकता में सुधार करने के महत्व पर जोर दें।

आत्म-जागरूकता अपनाएं

क्या आप आसानी से हतोत्साहित हो जाते हैं या लगातार सवाल पूछते रहते हैं? खुद को एक ऐसे शिक्षार्थी के रूप में सोचें, जिसके पास अद्वितीय ताकत और कमजोरियां दोनों हैं। सीखने की शैली को समझकर अपने दृष्टिकोण को उसके अनुरूप बनाएं। जो लोग सोचने की क्षमता को बढ़ाते हैं, वे लोग ही खुद का सबसे सटीक मूल्यांकन करते हैं। आप केवल इस बात पर ध्यान दें कि अपने बारे में खुद से कैसे बात करते हैं।

जिज्ञासा है जरूरी

जिज्ञासा वह चीज है, जो हमें किसी काम को तब तक करने के लिए प्रेरित करती है, जब तक हम उसे कर या समझ नहीं लेते। किसी नए विषय पर ध्यान केंद्रित करने और शुरुआती प्रेरणा को मजबूत करने के लिए खुद से जिज्ञासा भरे प्रश्न अवश्य पूछें। सवाल पूछने से न डरें और पूछे गए प्रश्न का खुद से उत्तर ढूंढने की कोशिश करें या किसी विशेषज्ञ से पूछें।

उत्पादक शिक्षण को बढ़ावा दें

अपने मस्तिष्क को एक पुस्तकालय के रूप में कल्पना करें। एक ही विषय पर एक ही किताब न पढ़ें। नए विचारों और काम करने के अलग-अलग तरीकों को जानने के लिए खुले दिमाग से सोचें। आमतौर पर जब हम कुछ नया करने की कोशिश करते हैं और उसमें खराब प्रदर्शन करते हैं, तो हमारे मन में नकारात्मक विचार आते हैं। आत्म-चर्चा को प्रबंधित करके आप इसमें काफी हद तक सहज हो सकते हैं। इसलिए तेजी से बदलाव की दुनिया में सफलता के लिए लगातार नए कौशल और ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

लेखकः लेखक सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रोफेसर हैं।