हजार साल पुराना शिव मंदिर बनाया जाए पर्यटन केंद्र      Publish Date : 26/06/2025

    हजार साल पुराना शिवमंदिर बनाया जाए पर्यटन केंद्र

                                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

अरावली पर्वतमाला के साथ धार्मिक दृष्टि से भी अहम है। दुर्गम पहाड़ियों के बीच हजार साल पुराने शिव मंदिर स्थापित हैं। सदियों से इनकी दूरस्थ इलाकों तक मान्यता है। देश-विदेश से श्रद्धालु इनके दर्शनार्थ पहुंचते हैं। सरकार और प्रशासनिक स्तर पर टूरिस्ट सर्किट बनाया जाए तो पर्यटकों श्रद्धालुओं को आवाजाही में सुविधा होगी। साथ ही राजस्व भी बढ़ेगा।

अजमेर-पुष्कर तीर्थ की चारों दिशाओं के चारों कोण में महादेव मंदिर स्थापित हैं। यह ईशान, आग्नेय, वायव्य एवं नेऋय कोण पर हैं। इन्हें धार्मिक टूरिस्ट सर्किट बनाकर जोड़ा जाए तो देश के बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकते हैं।

ऐसे बन सकता है टूरिस्ट सर्किट

                                                    

अंदरकोट त्रिपोलिया गेट होते हुए 400 साल पुराने प्राचीन झरनेश्वर महादेव मंदिर तक रोप-वे की शुरुआत हो सकती है। इसे 1300 फीट ऊंचे तारागढ़ दुर्ग से भी कनेक्ट किया जा सकता है। अजयपाल स्थान पर आदिकालीनअजगंधेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। इसे कोटड़ा, दरगाह संपर्क सड़क और झरनेश्वर महादेव मंदिर से रोप-वे और पहाड़ियों पर सड़क बनाकर जोड़ा जा सकता है। पुष्कर तीर्थ से करीब 15 किलोमीटर दूर देवनगर गांव में आदिकालीन भगवान बैद्यनाथ महादेव मंदिर स्थापित है।

इसे अजमेर-पुष्कर, झरनेश्वर-अजगंधेश्वर मंदिर टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जा सकता है। पुष्कर से करीब 8 किलोमीटर लुप्त प्रायः सरस्वती नदी के किनारे सहसकालीन ककड़ेश्वर- मकड़ेश्वर महादेव मंदिर हैं। दोनों मंदिरों को अजमेर-पुष्कर-नागौर का टूरिस्ट सर्किट बनाकर जोड़ा जा सकता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।