
मानव समाज की विडम्बना Publish Date : 07/06/2025
मानव समाज की विडम्बना
प्रोफेसर आर एस. सेंगर
आज पुरी दुनिया एक विशेष मोड पर खड़ी है, उस मोड़ के इस पार संभावित अपेक्षित उज्वल मानवीय भविष्य खड़ा है और उस पार मानवी अस्तित्व का संभाव्य विनाश खड़ा है। मानवी समाज को किस ओर ले जाना है, इस ओर की उस ओर जाना है, इसका जवाब दुनिया के महा विद्वानो के पास नहीं हैं, जो दुनिया को अपने नकली बुद्धिमता artificial intelligence, रासायनिक खेती, गो आधारित खेती, जैविक खेती, पाश्चात्य अप्राकृतिक अवैज्ञानिक शोषणकारी अतिरिक्त भोगवाद और वैश्विक तापमान वृद्धि एवं जल वायु परिवर्तन के द्वारा उस पार संभाव्य विनाश के तरफ ले जा रहे हैं। आज पूरे दुनिया पर राज करने वाला व्यक्ति केंद्रित अमानवीय पूंजीवाद इस विनाश को बढ़ावा दे रहा हैं। इस प्रकार के पूंजीवाद के विकल्प के रूप में विश्व मंच पर आए मार्क्सवाद और गांधी वाद दोनों दुनियां में कही भी आदर्श प्रारूप मॉडल के रूप में खड़े नहीं है, प्रचलित पूंजीवाद ने दोनों को हरा दिया है।
अर्थात मानव समाज संभ्रमित है कि इस ओर जाना है या उस ओर। मानव के सामने खड़ी सभी गंभीर समस्याओं का शाश्वत समाधान राजनीति और धर्म धाराओं के पास नहीं है, यह अब हजारों सालों का मानवी इतिहास पढ़ने के बाद हमे मालूम हो गया है। लेकिन मानवी समाज के सुव्यवस्थित संचालन के लिए रचनात्मक राजनीति और ईश्वर निर्मित धर्म दोनों की आवश्यकता है, इस सत्य को भी हम नकार नहीं सकते है।वे दोनों समानांतर चलते रहेंगे। लेकिन, हमारे विकराल गंभीर समस्याओं का समाधान देने की स्थिति में दोनों नहीं है।
इस संभ्रामवस्था को पूरी तरह हटाने के लिए अपने अपने कृषि क्षेत्र, पानी क्षेत्र, पर्यावरण क्षेत्र, वर्षा जल संग्रहण क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, बुनियादी शिक्षा क्षेत्र और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रचनात्मक कार्य करने वाले महान व्यक्तियों ने, दो या तीन दिन कही विशिष्ट स्थान पर एकत्र बैठकर हमारे समस्याओं का शाश्वत समाधान ढूंढना, उन समाधानों का परस्पर परिचय देना बहुत जरूरी बन गया है। इसलिए अपने अपने आपसी मतभेद को तीन दिन के लिए बाजू में रखकर कुछ अत्यावश्यक समान बिन्दुओं पर घनी चर्चा होना आवश्यक है।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।