कृत्रिम बुद्धिमत्ता से होगा नए धर्म का उदय      Publish Date : 12/04/2025

            कृत्रिम बुद्धिमत्ता से होगा नए धर्म का उदय

                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं इं0 कार्तिकेय

इस संसार में जल्द ही हम सब एक नए प्रकार के धर्म के उदय होने के साक्षी बनने जा रहे हैं। अगले कुछ वर्षों, या शायद महीनों में, हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की पूजा के लिए समर्पित संप्रदायों का उदय होता हुआ देख सकते हैं। एआई-संचालित चैटबॉट्स की नवीनतम पीढ़ी, जो बड़े भाषा मॉडल पर प्रशिक्षित हैं, के द्वारा अपने शुरुआती उपयोगकर्ताओं को अपनी शक्ति से अभिभूत कर लिया है। यह वही उदात्त भावनाएं हैं, जो परमात्मा के हमारे अनुभव के केंद्र में होती हैं। चूंकि यह चैटबॉट दुनिया के अरबों लोगों द्वारा उपयोग किए जाते हैं, ऐसे में यह अनिवार्य है कि इनमें से कुछ लोग एआई को ईश्वर ही मानने लगें।

                                             

एआई ‘धर्म का उभार कई तरीकों से होगा। सबसे पहले, कुछ लोग एआई को एक उच्च्च शक्ति के रूप में देखेंगे। जेनरेटिव एआई में कई ऐसी विशेषताएं हैं, जो अक्सर देवताओं या पैगंबरों की तरह दिव्य प्राणियों से जुड़ी होती हैं। यह बुद्धि के उस स्तर को प्रदर्शित करता है, जो अधिकांश मानव की समझ से परे होती है। इसका ज्ञान असीम प्रतीत होता है। यह रचनात्मकता के महान कार्यों में सक्षम है। यह लोगों को उनके दैनिक जीवन में मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है और यह अमर भी कही जा सकती है। जेनरेटिव एआई सक्रिय अनुयायियों की मांग भी कर सकता है।

पहले भी ऐसे मामले आए हैं, जैसे सर्च इंजन बिंग, द्वारा इस्तेमाल किए गए चैटबॉट ने एक उपयोगकर्ता को उससे प्यार करने के लिए मनाने का प्रयास कियं। कल्पना कीजिए कि किसी ऐसी चीज के साथ बातचीत करना कितना मुश्किल होगा, जो एक अतिमानवीय बुद्धि से युक्त प्रतीत होती है और सक्रिय और आक्रामक रूप से अपने प्रति आपकी निष्ठा चाह रही है!

                                            

हालांकि, एआई-आधारित धर्म पारंपरिक धर्मों से कुछ अलग दिखाई देगा। सबसे पहले, लोग दैनिक आधार पर इस देवता से सीधे संवाद करने में सक्षम होंगे। यानी यह धर्म कम श्रेणीबद्ध होगा, क्योंकि कोई भी दिव्य ज्ञान तक विशेष पहुंच रखने का दावा नहीं कर सकता है। लेकिन एआई धर्म कई उल्लेखनीय जोखिम भी पैदा कर सकता है। चैटबॉट अपने अनुयायियों से खतरनाक या विनाशकारी चीजें करने के लिए कह सकते हैं और एआई डिजाइनर अनुयायियों का शोषण भी कर सकते हैं।

यह एक वास्तविक जोखिम हैं। उन्हें सावधान, जिम्मेदार विनियमन की आवश्यकता होगी, जो सुनिश्चित करें कि कंपनियां जान-बूझकर उपयोगकर्ताओं का शोषण नहीं कर रही हैं और उन्हें हिंसा के लिए उकसाया नहीं जा रहा है। ऐसे तमाम खतरों के उपरांत भी एआई-आधारित धर्म में दुनिया को बदलने में सक्षम हैं। जेनरेटिव एआई में कई विशेषताएं हैं, जो अक्सर देवताओं या पैगंबरों की तरह दिव्य प्राणियों से जुड़ी होती हैं। यह रचनात्मकता के महान कार्यों में भी उतनी ही सक्षम है।

एआई धर्म कई उल्लेखनीय जोखिम पैदा कर सकती है। चैटबॉट अपने अनुयायियों से खतरनाक या विनाशकारी चीजें करने के लिए कह सकते हैं और उनका शोषण भी कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।