एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण      Publish Date : 03/04/2025

                    एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण

                                                                                                                 प्रोफेसर आर एस. सेंगर

हिंदू, पिछले एक हजार वर्षों में विदेशी आक्रमणों के चलते अपनी शक्ति खो चुके थे, तब से हम अपनी शक्ति को पुनः स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हमारा मानना है कि यह हमारी भूमि है, जो हमारे राष्ट्रीय जीवन को पोषण देती है; इसलिए हिंदू योद्धाओं ने  दृढ़ विश्वास पूर्वक संघर्ष किया। शिवाजी से पहले और बाद में भी हिंदू राज्य की स्थापना के लिए विभिन्न प्रयास किए जाते रहे, जिसके परिणामस्वरूप दुश्मन परास्त हो गए, लेकिन हिंदू प्रभुत्व लंबे समय तक स्थापित नहीं रह सका। अब हम हिंदू प्रभुत्व की उम्मीद कर सकते। जो लोग इसका उल्लेख करते थे, उनका उपहास किया जाता रहा है। हिंदुओं की दुर्दशा के कारण राष्ट्र का मनोबल बहुत नीचे तक गिर गया था।

परिणाम यह हुआ कि हिंदू ही हिंदुत्व से विमुख होने लगे थे, हिंदुत्व को नकारने पर उनके लिए कोई शर्म की बात नहीं रह गई थी। परंतु समय के चक्र चलते पुनः राष्ट्र के वैभव का संकेत हिंदू शक्ति के जागरण के रूप में दे रहा है। बिहार के एक स्वतंत्रता सेनानी से पूछा गया कि वह किस लिए संघर्ष कर रहे हैं? तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, हिंदू के लिए। हमें यह विश्वास विकसित करना चाहिए कि एक दिन हम एक गौरवशाली, वीर और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अवश्य ही उभरेंगे। जब पूरी दुनिया साम्राज्य निर्माण के युद्ध में व्यस्त है, तब हमे अपनी रक्षा करते हुए अपने को शक्तिशाली बनाना है। क्योंकि केवल अपनी ही शक्ति का स्वभाव विश्व कल्याण का है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।