
नकली खाद बेचने वाले व्यापारी होते हैं कृषि आतंकवादी Publish Date : 13/03/2025
नकली खाद बेचने वाले व्यापारी होते हैं कृषि आतंकवादी
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु
वर्तमान का सबसे बड़ा सवाल क्या हमारे किसान जानबूझकर तबाह और बर्बाद किए जा रहे हैं?
नकली और घटिया खाद बेचने वाले असल में कृषि के लिए आतंकवादी ही हैं, जो किसानों को धोखा दे रहे हैं और उनकी फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं, मिट्टी की उर्वरता को खत्म कर रहे हैं और भारत की खाद्य सुरक्षा पर हमला कर रहे हैं! यह काम केवल धोखाधड़ी ही नहीं, बल्कि कृषि के विरूद्व एक संगठित साजिश है!
पंद्रह से बीस प्रतिशत तक फसल उत्पादन में गिरावट घटिया खाद और कीटनाशकों के कारण हो रही है जिससे किसानों को सीधा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो रही है नकली खाद में मौजूद ज़हरीले रसायन खेतों को बंजर बना रहे हैं।
मिट्टी की उपजाऊ क्षमता इतनी तेजी से कम हो रही है कि इसे फिर से उपजाऊ बनाना मुश्किल होता जा रहा है!
खाद्य सुरक्षा खतरे में:- नकली खाद से उगाए गए अनाज और सब्जियां किसी ज़हर से कम नहीं होते हैं।
कृषि आतंकवाद के असली गुनाहगार कौन हैं
- जो व्यापारी नकली खाद और कीटनाशक बेचते है असल में वही कृषि आतंकवादी होते हैं।
- प्रत्येक कम गुणवत्ता वाले खाद का पैकेट किसानों की रोज़ी-रोटी और देश की खाद्य सुरक्षा पर भी सीधा-सीण हमला है।
- यदि किसान भाई मिलकर इस मुहीम पर अमल नही करते हैं तो यह निश्चित है कि इससे हमारी कृषि प्रणाली ही खतरे में पड़ जाएगी।
- प्रमाणित विक्रेताओं से ही खाद खरीदें और उसकी गुणवत्ता का प्रमाणिकता को भी आवश्यक रूप से परखें।
- संदिग्ध दुकान से खाद की खरीदारी कदापि न करें।
- आज किसानों को जागरूक होने की जरूरत है। सही जानकारी का होना ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।