
किसानों के लिए लाभकारी बजट Publish Date : 24/07/2024
किसानों के लिए लाभकारी बजट
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
भारत सरकार द्वारा आज जो बजट पेश किया गया है, इसमें किसानो की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह बजट किसानों के लिए लाभकारी होगा और कृषि उत्पादन को बढ़ाने में एक नई दिशा प्रदान कर सकेगा। दलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उससे दलहन का उत्पादन भी देश में निश्चित रूप से बढ़ेगा।
बजट 2024 में किसानों के लिए क्या है खास
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावाः सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे किसानों को रासायनिक उर्वरकों की जगह प्राकृतिक तरीकों से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
- किसान क्रेडिट कार्डः सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को आसानी से ऋण देने की घोषणा की है, जिससे किसानों को अपनी जरूरतों के लिए आसानी से धन प्राप्त कर सकें।
- सिंचाई परियोजनाएं: सरकार ने जारी किए गए बजट मे सिंचाई परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित किया है, जिससे किसानों को अपने खेतों में पानी की कमी का सामना न करना पड़े।
- फसल बीमा योजनाः सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई करने की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनकी फसलों के होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
- किसानों के लिए डिजिटल सेवाएं: सरकार ने किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं, जिससे किसानों को अपनी जरूरतों के लिए आसानी से जानकारी और सेवाएं मिल सकें।
अगले दो सालों में देश भर में एक करोड़ किसानों को सटिफिकेशन तथा ब्रांडिंग के माध्यम से नेचुरल फॉर्मिंग के साथ जाड़ा जाना है और इसकी शुरूआत कराईं जाएगी। ग्राम पंचायत तथा साइंटिफिक इंस्टीटयूशन के माध्यम से इसका इंप्लीमेंटेशन किया जाएगा। दस हजार नीड-बेस्ड बायो-इनपट सेंटर्सं स्थापित किए जाएगें।
ट्रेनिंग स्किल डेवलपमेंट और एजुकेशनल लोन
ट्रेनिंग स्किल डेवलपमेंट और एजुकेशन लोन से देश के युवाओं को फायदा होगा। इससे कौशल विकास की दिशा में उठाया गया सही कदम माना जा सकता है। कौशल विकास से रोजगार स्वरोजगार की असीम संभावनाओं को दिशा मिलेगी और इसके साथ ही युवाओं को औपचारिक इस प्रशिक्षण से लाभ होगा। इन प्रशिक्षकों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी जिससे बुनियादी ढांचा और अधिक मजबूत करने की संभावनाएं रहेंगी। स्किल गैप को कम करने में प्रशिक्षण कार्यक्रमों यानी कि इंटर्नशिप से छात्र-छात्राओं को फायदा होगा। इससे उद्योगों और शिक्षा जगत के बीच में समन्वय स्थापित हो सकेगा।
व्यावसायिक प्रशिक्षण को एकेडमिक शिक्षा से कमतर मानने की नकारात्मक धारणा हमारी सबसे बड़ी चुनौतियो में से एक है। सबसे ज्यादा नियोक्ता कुशल कार्य बल से लाभान्वित होते हैं। इससे वह कौशल विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास भी कर सकते हैं।
देश में हुए एक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जिसमें कहा गया है कि देश में 91.3 प्रतिशत नौजवान नौकरी प्राप्त करने के योग्य ही नहीं है। 63 प्रतिशत कंपनियों ने बताया है कि आईटी, इंजीनियरिंग सर्विसेज और सेल्स में योग्य श्रमिकों का अभाव है। अकादमी की मदद से श्रमिकों को कुशल बनाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात तो है कि विभिन्न राज्यों में कई ऐसे काम है, जिन्हें महिलाओं को करने की अनुमति नहीं है। उत्तर प्रदेश में 18 प्रकार के उत्पादन कार्यों में महिलाएं शामिल नहीं हो सकती हैं। इस प्रकार के नियमों को खत्म करने की जरूरत है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार के बजट से युवाओं को आगे बढ़ाने और उनको दक्ष बनाने में विशेष मदद मिल सकेगी।
नेचुरल फार्मिंग से जुड़ेंगे किसान
वित्तमंत्री ने नए बजट में किसानों को नेचुरल फार्मिंग की ओर रुख करने पर जोर दिया है, बताया जा रहा है कि आने वाले दो सालों में भारत में 1 करोड़ किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग की मदद से नेचुरल फार्मिंग से जोड़ा जाएगा। इनके इंप्लीमेंटेशन के लिए ग्राम पंचायतों और वैज्ञानिक संस्थानों की मदद ली जाएगी। इसके अलावा 10,000 नीड बेस्ड बायो-इनपुट सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड
इस आम बजट में किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जानें की बात कही गई है। इसके अलावा नाबार्ड के माध्यम से भी किसानों को सहायता दी जाएगी। मौसम के बदलने के कारण हर साल किसानों को फसलों के खराब होने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में बजट में कहा गया है कि सरकरा 32 फसलों की 109 नई किस्में लाएगी, जो मौसम से कम प्रभावित होंगी।
दलहन और तिलहन की फसलों के लिए खास घोषणा
सरकार किसानों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार ने बताया कि अपने नए बजट के तहत दलहन और तिलहन के प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग इत्यादि को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए एक खास रणनीति तैयार की जाएगी। नए बजट में सरकार ने सब्जियों की सप्लाई चौन को मजबूत करने की बात पर भी जोर दिया है और इनके भंडारण और कलेक्शन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।