
कृषि विश्वविद्यालय में छह दिवसीय ‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गणितीय तकनीकों के अनुप्रयोग’’ विषय पर फैक्ल्टी विकास कार्यक्रम सम्पन्न Publish Date : 23/08/2025
कृषि विश्वविद्यालय में छह दिवसीय ‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गणितीय तकनीकों के अनुप्रयोग’’ विषय पर फैक्ल्टी विकास कार्यक्रम सम्पन्न
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ में दिनाँक 18 से 23 अगस्त 2025 तक “कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गणितीय तकनीकों के अनुप्रयोग” विषय पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफ.डी.पी.) का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन मोड में करा गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को गणितीय तकनीकों के उपयोग की समझ को बढ़ाना था, जो कृषि, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी रहती हैं।
इस एक सप्ताह की अवधि में प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए, जिनमें गणित के अंतः विषयी प्रयोग, आंकड़ों का विश्लेषण, मॉडलिंग और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। अंतिम दिवस पर गणित विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रोफेसर डॉ. शिवराज सिंह तथा गणितीय विज्ञान एवं कंप्यूटर अनुप्रयोग विभाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के प्रोफेसर डॉ. अवनीश कुमार ने एफ.डी.पी. में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इस एक सप्ताहीय कार्यक्रम में देशभर से 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए, जिनमें आई.आई.टी., एन.आई.टी., केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल रहे। वक्ताओं ने गणितीय तकनीकों के विविध अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को नवीन शोध और अध्यापन की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, वरिष्ठ प्राध्यापकगण एवं विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य शिक्षाविदों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। समापन सत्र के अवसर पर डॉ. जयवीर सिंह, अधिष्ठाता, तकनीकी महाविद्यालय ने अपने उद्बोधन में आज के समय में गणित की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि विशेषकर कृषि एवं तकनीकी क्षेत्रों में गणित का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वानुमान और विश्लेषण में गणितीय तकनीकें किस प्रकार अहम भूमिका निभा रही हैं।
वहीं, कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय की अधिष्ठाता जेनिथा इम्मानुएल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षकों और शोधकर्ताओं को नवीन ज्ञान एवं शोध की दिशा से अद्यतन रहने का अवसर प्रदान करते हैं। माननीय कुलपति महोदय ने आयोजन समिति को उनके प्रयासों और कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएँ एवं बधाई प्रेषित की। समापन सत्र के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. रामजी सिंह ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रकार की शैक्षिक गतिविधियों को सराहनीय बताया तथा प्रतिभागियों को इस ज्ञानवर्धक आयोजन से प्राप्त अनुभवों को अपने शोध एवं अध्यापन में लागू करने की प्रेरणा दी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने आयोजन समिति से अपने प्रयासों को जारी रखने और भविष्य में भी ऐसे उपयोगी कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. प्रेरणा शर्मा ने पूरे सप्ताह हुए तकनीकी सत्रों का विवरण प्रस्तुत किया और सभी वक्ताओं तथा प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री ऋधिमा और डॉ. सावन रावत ने किया। समापन अवसर पर डॉ. अजीत कुमार सिंह ने कार्यक्रम का सार प्रस्तुत करते हुए समापन टिप्पणी दी। आयोजन सचिव डॉ. अजय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा कहा कि यह एफ.डी.पी. संकाय सदस्यों और शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा।
सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने भी अपने सुझाव एवं विचार प्रस्तुत किए तथा कार्यक्रम के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों द्वारा दिए गए व्याख्यानों की गुणवत्ता और विषयों की उपयोगिता की सराहना की। कार्यक्रम की सफलता में डॉ. दीपक सिसोदिया, डॉ. सावन रावत, डॉ. खुशबू, डॉ. सुशील कुमार एवं डॉ. उत्तम शर्मा का विशेष सहयोग सराहनीय रहा। उनके समर्पण और टीम भावना ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।