
सरकार के द्वारा लागत से 1.5 गुणा एमएसपी तय की गई Publish Date : 20/08/2025
सरकार के द्वारा लागत से 1.5 गुणा एमएसपी तय की गई
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरीः “सरकार ने तय किया एमएसपी का ढांचा, लागत से डेढ़ गुना दाम देने का प्रावधान”
किसी भी फसल के लिए एमएसपी तय करते समय फसल के उत्पादन की लागत, मांग-आपूर्ति की स्थिति, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें, फसलों के बीच संतुलन, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के बीच विनिमय अनुपात और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव जैसे कारकों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाता है।
केंद्र सरकार हर साल देश भर में लगभग 22 कृषि फसलों, जिनमें 14 खरीफ फसलें शामिल हैं, के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात एमएसपी तय करती है। यह निर्णय कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर लिया जाता है। एमएसपी तय करते समय इसमें राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के विचार भी शामिल किए जाते हैं। कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रमनाथ ठाकुर ने यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में दी।
पैटर्न, जिनके आधार पर तय की जाती है एमएसपी
एमएसपी को तय करते समय उत्पादन लागत, मांग-आपूर्ति की स्थिति, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें, फसलों के बीच संतुलन, कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के बीच विनिमय अनुपात और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाता है। साथ ही, भूमि, पानी और अन्य संसाधनों के संतुलित उपयोग करना भी सुनिश्चित किया जाता है।
2018-19 से लागू प्रावधान
केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में यह सिद्धांत लागू किया था कि एमएसपी हमेशा उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना होना चाहिए। इसके बाद से सभी खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों के MSP में लागत पर कम से कम 50% का लाभ किसानों को दिया जा रहा है।
वर्ष 2024-25 में 1.84 करोड़ किसानों को मिला लाभ
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एमएसपी, पीएम किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को बड़ी मदद दी जा रही है।
एमएसपी पर खरीदी (जुलाई 2024 - जून 2025):
कुल खरीद : 1,175 लाख मीट्रिक टन।
किसानों को एमएसपी के रूप में भुगतान: ₹3.33 लाख करोड रूपए।
लाभान्वित किसान : 1.84 करोड़।