कृषि विश्वविद्यालय में डायरेक्टर जनरल द्वारा उपकार परियोजनाओं की समीक्षा      Publish Date : 04/08/2025

कृषि विश्वविद्यालय में डायरेक्टर जनरल द्वारा उपकार परियोजनाओं की समीक्षा

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर संजय सिंह के द्वारा विश्वविद्यालय में चल रही 59 परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान उनके साथ डी डी जी उपकार राज ऋषि गौर एवं डॉक्टर परमिंदर सिंह भी उपस्थित रहे।

                                             

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के. के. सिंह के कुशल निर्देशन में विगत 3 वर्षों में विश्वविद्यालय का कृषि शिक्षा एवं शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में चौमुखी विकास हुआ है। इसी का परिण्णम यह है कि कृषि विश्वविद्यालय अपनी तकनीकी ज्ञान को किसानों के खेत खलिहान तक पहुंचने में सफल हो सका है।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर संजय सिंह ने कहा कि आज इस बात की आवश्यकता है कि हम नई एजुकेशन पॉलिसी का एडिक्शन करें और कृषि की नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाएं, जिससे इन तकनीकों के माध्यम से किसानों के खेतों में नई फसल पैदा हो सके और उनकी आय में बढ़ोतरी हो इस तरह का प्रयास हर वैज्ञानिक को करना होगा। उन्होंने कहा की अच्छी और गुणवत्ता युक्त परियोजनाएं बनाकर विश्वविद्यालय द्वारा भेजी जाएगी तो उत्तर प्रदेश सरकार उन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए परियोजनाएं तैयार की जानी चाहिए और परियोजनाओं को तैयार करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि उनके परिणाम संतोषजनक हो और वे किसानों के लिए उपयोगी भी हो। उन्होंने वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि वह उन्नतशील नई प्रजातियां को विकसित करने पर अधिक ध्यान दें। डॉ संजय सिंह ने अधिक से अधिक शोध पत्र प्रकाशित करने और पेटेंट कराने के लिए विज्ञानिको को आगे आने की बात भी कही।

                                              

कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के प्लेसमेंट रेट के बढ़ने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा इससे छात्रों को तो लाभ मिल ही रहा है और इसके साथ ही विश्वविद्यालय का भी प्रदेश में अच्छा नाम हो रहा है, क्योंकि जब छात्रों का प्लेसमेंट बढ़ेगा उससे विश्वविद्यालय की रेटिंग में भी बढ़ोत्तरी होगी।

उप महानिदेशक डॉक्टर राज ऋषि गौर ने कहा कि वैज्ञानिकों को बायोटेक्नोलॉजी की नई तकनीक को ध्यान में रखते हुए परियोजनाएं बनानी चाहिए, जिससे उनका सीधा लाभ जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाया जा सके। उप महानिदेशक डॉक्टर परविंदर सिंह ने वैज्ञानिकों से रूबरू होते हुए कहा शोध कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और अच्छे शोध जनरल्स में शोध पत्रों का प्रशासन एवं पेटेंट का प्रत्येक वैज्ञानिक को प्रयास करना होगा, तभी गुणवत्ता युक्त शोध किया जा सकेगा।

इस अवसर पर निदेशक शोध, डॉ0 कमल खिलाड़ी ने विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण तथा प्रोफेसर डी. वी. सिंह ने विश्वविद्यालय में चल रहे शैक्षणिक कार्यों के बारे में एवं निदेशक प्रसार डॉक्टर पी. के. सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रसार कार्यों का प्रेजेंटेशन भी दिया।

इस बैठक में विभिन्न परियोजनाओं के परियोजना अन्वेषक, विभागाध्यक्ष एवं समस्त शिक्षकगण मौजूद रहे।