
कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीटेक इन्नोवेशन हब का होगा लोकार्पण Publish Date : 07/07/2025
कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीटेक इन्नोवेशन हब का होगा लोकार्पण
नव निर्मित कृषि तकनीक नवाचार केंद्र की स्थापना से होगा किसानों को लाभ कुलपति- प्रोफेसर के. के. सिंह-
आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कुलपति डॉक्टर के. के. सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों को बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़, पंजाब के सहयोग से सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में तकनीकी महाविद्यालय के अंतर्गत एक लैब में एक आई सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यहां पर बनाई जाने वाली विशेष डिवाइस किसानों को बताएगी कि उनकी फसल में कौन सा रोग लगा है और इसका इलाज किस कीटनाशक से हो सकता है। फसल में कब और कितने पानी और खाद की आवश्यकता पड़ेगी। इससे फसल का उत्पादन बढ़ेगा साथ ही लागत भी कम हो सकेगी। इन सब तकनीक के लिए किसानो के नवाचार की जानकारी दी जाएगी और उनका समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे किसान भाई लाभान्वित हो सकेंगे।
कुलपति डॉक्टर के. के. सिंह ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय मैं आई सेंटर बनकर तैयार हो चुका है और इसका लोकार्पण 8 जुलाई को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह सेंटर आईआईटी रोपड़ पंजाब और कृषि विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से खोला है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों को इस सेटर से लाभ मिलेगा और इससे जो नवयुवक हैं वह प्रशिक्षण लेकर अपना स्टार्टअप स्टार्ट भी आरम्भ कर सकेंगे। कुलपति डॉ के. के. सिंह ने बताया कि जब गेहूं, गन्ना, धान, आलू, दालें और सरसों आदि फसलों में बीमारी आती है, तो किसान अक्सर बिना किसी की सलाह लिए ही कीटनाशक और अन्य दवाइयां का प्रयोग करते हैं और अंधाधंुध खाद का प्रयोग किया जाता है।
विश्वविद्यालय में एग्रीटेक इन्नोवेशन हब के नाम से खोले जा रहे इस आईटी सेंटर में बनने वाली अलग-अलग डिवाइस बताएंगी कि फसल में कब व कितनी ऊंचाई तक पानी देना है। खाद व कीटनाशक डालने व बीमारी बताने के लिए अलग-अलग डिवाइस तैयार की जाएगी। इस आईटी सेंटर में किसानों और नवयुवकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यहां पर एक साथ 20 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। एक दिन में कई बैच चलाए जाने की व्यवस्था की जा रही हैं। आई सेंटर में किसानों के लिए रिसर्च करके एप तैयार किए जाएंगे। जब यह एप बनकर तैयार हो जाएंगे तो यह डिवाइस की तरह किसान को जानकारी देंगे कि उन्हें कब और कितना खाद डालना है और कब कीटनाशक प्रयोग करना है, इसकी पूर्ण जानकारी किसान को समय से उपलब्ध हो सकेगी।
इस केंद्र द्वारा जो डिवाइस विकसित की जा रही है, उसमें खेत को मिट्टी की ताकत जांचने के लिए भी डिवाइस तैयार की जाएगी, ताकि किसान को पता हो कि कब उसे देसी खाद डालना है और कब यूरिया का इस्तेमाल करना है। उन्होंने बताया कि इस केंद्र का उद्घाटन कल केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम महोदया आनंदीबेन पटेल एवं मंत्री जयंत चौधरी एवं उत्तर प्रदेश की सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की उपस्थिति में लोकार्पण किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वागत, निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट डॉ आर. एस. सेंगर एवं धन्यवाद प्रस्ताव अधिष्ठाता टेक्नोलॉजी प्रोफेसर जयवीर सिंह के द्वारा किया गया। इस अवसर पर निदेशक प्रसार डॉ पी. के. सिंह तथा तकनीक महाविद्यालय के और इस केंद्र के कोऑर्डिनेटर डॉ0 पुष्पेंद्र कुमार सिंह भी मौजूद रहे।