कृषि विश्वविद्यालय में मनाया गया जैव विविधता दिवस      Publish Date : 22/05/2025

कृषि विश्वविद्यालय में मनाया गया जैव विविधता दिवस

“प्रकृति और सतत विकास के साथ संमजस्य बनाकर कार्य करें, जिससे जैव विविधता संरक्षित रहे”- डॉक्टर के. के. सिंह कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के. के. सिंह ने जैव विविधता दिवस के अवसर पर प्रकृति और सतत विकास के साथ संमजस्य बनाकर आग बढ़ाने की बात कही। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि हमें जैव विविधता को बनाए रखने के साथ-साथ अधिक से अधिक वन लगाकर उनका प्रबंधन तथा वन्य-जीवों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में आज जैव विविधता दिवस मनाया गया। आज के दिन प्राकृतिक व पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए, इस दिवस को विशेष रूप से मनाया जाता है। इस अवसर पर बोलते हुए अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी डॉक्टर रविंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में जैव विविधता को बनाए रखने की परम आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र और छात्रा के द्वारा जैव विविधता को बनाए रखने की शपथ लेनी चाहिए और समाज के अन्य लोगों को जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए।

                                                 

इस अवसर पर निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने संबोधित करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि जैव विविधता मैं पृथ्वी की सभी प्रकार के जीवन की किस्म अर्थात स्थलीय, समुद्री और जलीय परिस्थितिकीय तंत्र शामिल है। हमारी महान विश्व परंपरा तथा समृद्धि संस्कृति के कारण 25 प्रतिशत भू क्षेत्र तथा विश्व की लगभग 15 प्रतिशत जनसंख्या होने पर भी हमारा देश लगभग 7.5 प्रतिशत प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व के 17 मेगा डाइवर्सिटी वाले देशों में शामिल है। प्रोफेसर पंकज चौहान ने कहा की जैव विविधता सिर्फ जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों या अन्य जीवों की संख्या मात्र न होकर परस्पर निर्भरता एवं जीवन का प्रतीक है।

                                                 

प्रकृति में विद्यमान प्राणी व पादप प्रजातियां एक दूसरे पर परस्पर निर्भर हैं तथा हमारी असावधानी से किसी एक प्रजाति के विलुप्त हो जाने पर अन्य बहुत सी प्रजातियों का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है, इसलिए हम लोगों को जैव विविधता को बचाए रखने के लिए विशेष प्रयास करना होगा।

इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि डॉ विवेक धामा, प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, डॉ पंकज चौहान, डॉक्टर अमित बालियान, डा निलेश कपूर, डॉक्टर निधि सिंह, गरिमा शर्मा तथा अन्य शिक्षक कर्मचारी एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।