
राजस्थान सरकार की अनदेखी से हो रही स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली Publish Date : 12/04/2025
राजस्थान सरकार की अनदेखी से हो रही स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली
चिकित्सकों के रिक्त पद रहने के कारण बताने वाली सरकार ने इन्हें भरने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जो खुलासा किया गया है, वह काफी चिंताजनक है। रिपोर्ट के माध्यम से करोड़ों लोगों की सेहत से जुड़े मामलों में सरकारी अनदेखी किस तरह से है, यह साफ जाहिर होता है। आबादी के मुकाबले प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या को देखकर लगता नहीं कि इस दिशा में किसी को भी कोई फिक्र भी हो रही है। ऐसा इसलिए भी कि रिक्त पद रहने के कारण बताने वाली सरकार ने इन्हें भरने के लिए कोई ठोस कदम अब तक भी नहीं उठाए हैं।
यह उदासीनता ही प्रदेश में सरकारी स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं को और कमजोर कर रही है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा संकट में पड़ रही है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को या तो लंबा इंतजार करना पड़ता है या फिर उन्हें मजबूरन महंगी निजी चिकित्सा सेवाओं का सहारा लेना पड़ता है।
हैरत की बात यह है कि जहां सरकारों को चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करना है, वहीं सबसे ज्यादा कमजोरी नजर आ रही है। प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, धौलपुर, जालोर और बाड़मेर जैसे जिलों में जहां पहले ही चिकित्सा सेवाएं बहुत कमजोर है, वहां चिकित्सकों की कमी सबसे प्रमुख है। बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर जैसे रेगिस्तानी जिलों में नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण आपातकालीन और नियमित उपचार भी बाधित हो रहा है।