पराली का सदुपयोग      Publish Date : 14/02/2025

                                  पराली का सदुपयोग

अब मकान बनाने वाली ईंटें बनेंगी पराली से

पराली के माध्यम से बनाई गई ईंटों में न तो दीमक लगेगी और न ही यह ईंटें जल सकेंगी। एक विशिष्ट तकनीक के द्वारा अब पराली के 70 से 80 प्रतिशत भाग से सिलिका ईंट बनाना सम्भव हो सकेगा। इसके साथ ही इसके बाकी बचे भाग से कंक्रीट के स्थान पर उपयोग की जाने वाली सामग्री को तैयार किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इसके बचे हुए भाग से ब्लेक सीकर भी बनाया जा सकता है, जिसका उपयोग सड़कों के निर्माण में आसानी से किया जा सकता है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में आयोजित किए गए 16वें ओपन हाउस में पराली के माध्यम से तैयार की जाने वाली भवन निर्माण सामग्री के उत्पादन की तकनीक विषय पर विस्तार पूर्वक विचार प्रस्तुत किए गए। नई तकनीक के माध्यम से एक एकड़ के खेत से प्राप्त पराली से 100 वर्ग फीट आकार वाले घर के लिए ईंटों का निर्माण करने का दावा किया गया है।

                                                                   

ईंट बनाने के लिए एक कंप्रेशर मशीन की आवश्यकता होती है और इस कंप्रेशर को खेत में ही ले जाकर इस कार्य को पूर्ण किया जा सकेगा। इस कंप्रेशर को 200 से 400 तक के पास्कल तक दबाया जाता है। इससे पराली 9x3 इंच की ईंट के रूप में परिवर्तित हो जाती है और यह ईंट बायोडिग्रेडेबल होती है।

यह ईंट न तो पानी में घुल सकती है और न ही इसे आग से जलाया जा सकता है। पराली से ईंट को बनाने के लिए पराली को विभिन्न केमिकल्स में मिश्रित कर तैयार किया जाता है।