किसानों के लिए लाभकारी हैं अलसी की यह उन्नत किस्में      Publish Date : 09/10/2025

       किसानों के लिए लाभकारी हैं अलसी की यह उन्नत किस्में

                                                                                                                                                                  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

अलसी की खेती किसानों के लिए मुनाफा देने वाली फसल है, क्योंकि अलसी की खेती में ज्यादा पानी और लागत नहीं लगती है। किसान बड़ी आसानी से अक्टूबर से नवंबर के महीनें में इसकी अच्छी पैदावार कर लेते है. ऐसे में अलसी की बेहतरीन किस्में कौन-सी हैं, उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहें हैं हमारे कृषि विशेषज्ञ और सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर-

देश में रबी फसल की बुवाई का सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में आज हम आपको रबी सीजन की एक प्रमुख फसल के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं जिसके अदंर मौजूद होते है कई औषधीय गुण और इसी कारण इसकी मांग केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी काफी अधिक है। आज के अपने इस लेख में हम बात कर रहे हैं अलसी की फसल के सम्बन्ध में।

                                                                  

ज्ञात्वय है कि अलसी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए भी किया जाता रहा है, जैसे पाचन में सुधार, वजन बढ़ने से रोकता है और मधुमेह जैसी समस्याओं से भी दूर रखता है। साथ ही अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मांग सदैव ही बनी रहती है और अलसी की खेती में अधिक सिंचाईयों की जरूरत नहीं होती और यह फसल अधिकतर वर्षा पर ही निर्भर होती है।

अलसी की किस्मों की खेती राज्यों के अनुसार की जाती हैं, लेकिन ऐसे में किसानों को अपनी जमीन की मिट्टी, जलवायु और सिंचित स्थिति का अनुमान लगा कर तभी किस्मों का चुनाव करना चाहिए-

  • उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अलसी की किस्में में नीलम, हीरा और मुक्ता जैसी फसल मुनाफे का सौदा है।
  • मध्य प्रदेश की जमीन, जलवायु के हिसाब से जवाहर 17, श्वेता और शुभ्रा, की खेती वहां के किसानों के लिए बहुत लाभकारी किस्में है।
  • वहीं बिहार के किसानों के लिए बहार, टी. 397 और मुक्ता, और पंजाब-हरियाणा में एल. सी. 54, के.2 और हिमालिनी आदि अच्छी किस्में मानी जाती हैं।

अलसी बुवाई का समय:

अलसी की बुवाई रबी के मौसम में की जाती है और मध्य भारत की बात करें तो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के मध्य तक वहीं उत्तर की ओर नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक अलसी की बुवाई की जा सकती है। साथ ही ध्यान रखें अलसी की बुवाई करने में देर बिल्कुल भी ना करें क्योंकि सर्दी में पड़ने वाला पाला अलसी की फसल को खराब कर सकता है।

उत्पादन और लाभः

                                                                  

अलसी की उन्नत किस्मों से किसान 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। बाजार में अलसी के बीज की कीमत 80 से 120 रुपये प्रति किलो तक रहती है। इस तरह किसान एक हेक्टेयर भूमि में अलसी की खेती से 1.5 से 2 लाख रूपये तक की आय प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा यदि अलसी का तेल निकालकर उसे बेचा जाए तो लाभ और भी अधिक हो जाता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।