
गन्ने की एक नई प्रजाति सीओ-18022 का विकास किया गया Publish Date : 23/09/2025
गन्ने की एक नई प्रजाति सीओ-18022 का विकास किया गया
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) के गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र करनाल के द्वारा गन्ने की एक नई प्रजाति सीओ-18022 को विकसित किया गया है और अब इस किस्म को चिन्हित करने के लिए आइडैंटिफिकेशन कमेटी को इस प्रजाति का प्रस्ताव भेज दिया गया है। संस्थान के निदेशक डॉ0 पी. गोविन्दराज के द्वारा इस किस्म की जानकारी साझा की गई है।
संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस प्रजाति की रिलीजिंग प्रक्रिया को लेकर समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएंगी। इसके उपरान्त केन्द्रीय रिलीजिंग कमेटी की बैठक में इस प्रपोजल पर विचार किया जाएगा।
किस्म के रिलीज होने के बाद ही इस किस्म के बीज को बढ़ावा दिया जाएगा। केन्द्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 एम. एल. छाबड़ा के कार्यकाल में इस किस्म को विकसित करने के लिए अनुसंधान कार्य किया गया।
इस नई किस्म के ब्रीड वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ0 एम. आर. मीणा, प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 रविन्द्र कुमार एवं डॉ0 पूजा हैं। डॉ0 एम. आर. मीणा ने बताया कि यह एक अधिक उपज और अधिक चीनी का उत्पादन करने वाली किस्म है जो किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्व होने वाली है। यह गन्ने की पुरानी किस्मों को रिप्लेस करेगी।
देश के उत्तर-पश्चिमीं क्षेत्रों के लिए इस किस्म की अनुसंशा की जाएगी। इन क्ष्ेत्रों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड़, दिल्ली एन.सी.आर. और राजस्थान का भी कुछ भाग शामिल है।
पंजाब एवं उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों के साथ किया गया ओ.एम.यू करार
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर) के गन्ना प्रजनन संस्थान कोयम्बटूर के निदेशक डॉ0 पी. गोविन्दराज ने कहा कि हम गन्ने की जितनी प्रजातियाँ रिलीज करते हैं वह सभी रोगरोधी प्रजातियाँ होती है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब आदि राज्यों में गन्ने की फसल में चोटीभेदक कीट के प्रभाव उन्होंने बताया कि इस कीट के समाधान के लिए रासायनिक, बॉयोलॉजिकल एवं मैकेनाइज नियंत्रण की सलाह किसानों को प्रदान की जा रही है।
डॉ0 गोविन्दराज गन्ना प्रजनन केन्द्र करनाल के भ्रमण पर थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा रिलीज की गई गन्ने की नई किस्म 1708 के बीज को प्रसारित करने के लिए देश के तीन चीनी मिकल समूहों के साथ अनुबन्ध करार भी किया है। डॉ0 गोविन्दराज ने इस ओ.एम.यू. पर हस्ताक्षर किए हैं।
टो.एम.यू. पर हस्ताक्षर करने वाली इन चीनी मिलों में उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ स्थित मवाना चीनी मिल तथा जनपद बिजनौर की उत्तम चीनी मिल तथा पंजाब के बूटर सेवियान की राणा चीनी मिल भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त राणा गुरमीत सिंह फार्म उत्तराखण्ड़ के साथ भी अनुबन्ध करार किया गया है। आरम्भिक चरणों में इन चीनी मिलों को गन्ने की नई किस्म सीओ-1708 के बीज का विस्तार करने हेतु समन्वय स्थापित किया जाना है।
यह चीनी मिलें अपने फार्म और टिश्यू कल्चर लैब के माध्यम से बीज का प्रसार करेंगे। गन्ने की किस्म सीअीे-0238 लाल सड़न रोग के चलते विफल होने के कारण उसके स्थान पर गन्ने की अन्य अच्छी किस्मों में गन्ना क्षेत्रफल को परिवर्तित करने पर खासा जोर दिया जा रहा है।
इस अवसर पर गन्ना प्रजनन केन्द्र के अध्यक्ष और प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 एम. एल. छाबड़ा, प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 रविन्द्र कुमार, डॉ0 एम. आर. मीणा और डॉ0 पूजा भी मौजूद रहें।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।