
गन्ने की दो नई वैरायटी कृष्णा और लाहिड़ी की गई जारी Publish Date : 20/08/2025
गन्ने की दो नई वैरायटी कृष्णा और लाहिड़ी की गई जारी
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
किसानों की आय वृद्वि में सहायक होगी गन्ने की यह दोनों नई किस्में-
उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग के द्वारा गन्ने की दो ऐसी प्रजातियों का विकास किया गया है, जिनकी खेती करने से गन्ने की उपज अधिक होने के साथ ही किसानों की आय बेहतर तरीके से बढ़ेगी। प्रदेश के गन्ना विभाग के द्वारा जारी की गई किस्मों को.शा. 19231 एवं को.से. 17451 को अच्छी उपज और उत्तम चीनी परते की दर, दोनों के हिसाब से अधिक लाभकारी बताया जा रहा है।
इसके साथ ही गन्ने की पुरानी तीन किस्मों (को. 12029, को.शा. 99259 एवं को.शा. 96268) को सूची से हटाया जा रहा है। क्योंकि इन तीनों किस्मों की बुवाई के क्षेत्रफल में कमी और किसानों द्वारा इनकी खेती में कम रुचि लिए जाने के चलते हीा इन्हें सूची हटाया जा रहा है।
क्षेत्र वितरणः
को.शा. 19231 किस्म को पूरे उत्तर प्रदेश के लिए और को.से. 17451 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए जबकि को.लख. 16470 (मध्य-देर) को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए संस्तुत किया गया है।
गन्ना किस्मों को मिले नए नामः
प्रदेश गन्ना आयुक्त वी के शुक्ल ने बताया कि जारी की गई इन दोनों ही गन्ने की नई किस्मों को विशेष नाम दिया जाएगा। इनमें को.शा. 19231 को शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी की याद में ‘लाहिड़ी’ नाम दिया गया है जबकि को.से. 17451 को कृषि वैज्ञानिक डॉ0 कृष्णानंद के सम्मान में ‘कृष्णा’ नाम दिया गया है।
जारी की गई नई गन्ना किस्मों की विशेषताएं:
को.शा. 19231 (लाहिड़ी):
- गन्ने की इस प्रजाति की औसत उपज- 92.05 टन/हेक्टेयर है।
- इस प्रजाति का शर्करा प्रतिशत (जनवरी)- रस में 17.85 प्रतिशत, गन्ने में 13.20 प्रतिशत और चीनी का उत्पादन- 12.23 टन/हेक्टेयर तक है। इसके अतिरिक्त यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम रोग रोधी भी पाई गई है।
को.से. 17451 (कृष्णा):
गन्ने की नई किस्म कृष्णा की औसत उपज- 87.96 टन/हेक्टेयर तक है। इस किस्म का शर्करा प्रतिशत (जनवरी)- रस में 16.63 प्रतिशत, और गन्ने में 12.82 प्रतिशत तक पाया गया है, जबकि इसका चीनी उत्पादन- 10.81 टन/हेक्टेयर तक पाया गया है। गन्ने की यह किस्म पुरानी गन्ना किस्म बि.उ. 120 जी.सी. का ही एक उन्नत रूप है।
को.लख. 16470 (मध्य-देर पकने वाली किस्म):
गन्ने की इस किस्म की औसत उपज- 82.50 टन/हेक्टेयर तक पायी गई है। इस किस्म का शर्करा प्रतिशत (12 माह बाद)- रस में 17.37 प्रतिशत और गन्ने में 13.20 प्रतिशत तक है। गन्ने की इस किस्म को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के द्वारा विकसित किया गया है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।