
IARI के द्वारा विकसित धान कुछ प्रमुख किस्में Publish Date : 03/05/2025
IARI के द्वारा विकसित धान कुछ प्रमुख किस्में
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 शालिनी गुप्ता
1. पूसा बासमती-1121 (Pusa Basmati-1121)
उपजः 19-20 क्विंटल प्रति एकड़।
विशेषताएं- विश्व की सबसे लंबी पकने पर बढ़ने वाली बासमती किस्म; पकने पर दाने की लंबाई 21.5 मिमी तक होती है।
पकने की अवधिः 135-145 दिन।
उपयुक्त क्षेत्रः पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आदि।
अन्य विशेषताएं: कम पानी की आवश्यकता, उच्च सुगंध, अंतरराष्ट्रीय निर्यात में प्रमुख भूमिका।
2. पूसा बासमती- 1718 (Pusa Basmati-1718)
उपजः 20-24 क्विंटल प्रति एकड़।
पकने की अवधिः 136-138 दिन।
रोग प्रतिरोधकताः बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधक।
उपयुक्त क्षेत्रः दिल्ली, पंजाब और हरियाणा आदि।
3. पूसा बासमती-1728 (Pusa Basmati-1728)
उपजः 4.18 टन प्रति हेक्टेयर।
पकने की अवधिः 135 दिन।
रोग प्रतिरोधकताः बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधक।
अन्य विशेषताएं: अतिरिक्त लंबा पतला दाना, उच्च सुगंध के साथ।
4. पूसा बासमती-1847 (Pusa Basmati-1847)
उपजः 5.7 टन प्रति हेक्टेयर।
पकने की अवधिः लगभग 120 दिन।
रोग प्रतिरोधकताः बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट दोनों के प्रति प्रतिरोधक है।
अन्य विशेषताएं: अर्ली मैच्योरिंग, सेमी-ड्वार्फ किस्म।
5. पूसा बासमती-1979 (Pusa Basmati-1979)
उपजः 45.77 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक।
पकने की अवधिः लगभग 130-133 दिन।
विशेषताएं: इमेजेथाप्यर हर्बीसाइड के प्रति सहनशीलता।
अन्य विशेषताएँ: MAS तकनीक से विकसित, PB-1121 का सुधारा गया संस्करण।
6. पूसा बासमती-1985 (Pusa Basmati-1985)
उपजः 5.2 टन प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है।
पकने की अवधिः लगभग 115-120 दिन।
विशेषताएं: इमेजेथाप्यर हर्बीसाइड के प्रति सहनशील होती है।
अन्य विशेषताएं: एक PB-1509 का सुधारा गया संस्करण है।
7. पूसा-2090 (Pusa-2090)
उपजः 34-35 क्विंटल प्रति एकड़ तक।
पकने की अवधिः 120-125 दिन में परिपक्व होती है।
विशेषताएं: Pusa-44 का विकल्प; कम सिंचाई की आवश्यकता, पराली जलाने की समस्या में कमी।
8. पूसा सांबा-1850 (Pusa Samba-1850)
उपजः 20-24 क्विंटल प्रति एकड़ तक।
पकने की अवधिः 140-145 दिन।
रोग प्रतिरोधकताः ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधक (Pi54, Pi1, Pita जीन)
अन्य विशेषताएँ: BPT-5204 (सांबा महासुरी) का सुधारा गया संस्करण।
9. पूसा नरेंद्र KN1 और पूसा CRD KN2
विशेषताः काला नमक धान की पारंपरिक किस्म का एक सुधार किया गया संस्करण।
उपयुक्त क्षेत्रः उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र
अन्य विशेषताएँ: बेहतर सुगंध और गुणवत्ता।
निष्कर्ष
IARI के द्वारा विकसित इन उन्नत धान की किस्मों ने भारतीय किसानों को उच्च उपज, रोग प्रतिरोधकता और बेहतर गुणवत्ता प्रदान की है। इन किस्मों के उपयोग से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि भारत के बासमती चावल के निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।