नवविकसित गन्ना किस्म 18231 से बढ़ेगी मिठास और मिलेगी अधिक पैदावार      Publish Date : 19/09/2025

नवविकसित गन्ना किस्म 18231 से बढ़ेगी मिठास और मिलेगी अधिक पैदावार

प्रदेश के गन्ना कृषकों एवं चीनी उद्योग के हित को देखते हुए शासन ने शोध परीक्षण कराया। इसके बाद उच्च गुणवत्ता युक्त अधिक रोग रोधी नवविकसित गन्ना किस्म कोशा 18231 को संपूर्ण प्रदेश हेतु स्वीकृत किया गया। इस नई किस्म के बीज की बुवाई कर किसान अधिक उपज ले सकेंगे। जिला गन्ना अधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि गन्ना की अधिक पैदावार के लिए गन्ना विकास विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।

गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के गन्ना कृषकों हेतु नव विकसित गन्ना किस्मों को तैयार किया जा रहा है। गन्ना शोध परिषद ने नवविकसित गन्ना किस्म कोशा 18231 के शोध किए। इस किस्म की उपज 90.16 टन प्रति हेक्टेयर पाई गई जो प्रमाप की तुलना में 11.36 व 27.92 प्रतिशत अधिक है। इसके रस में शर्करा प्रतिशत व पोल प्रतिशत इनकेन भी प्रमाप की तुलना में अधिक पाया गया। सीसीएस टन प्रति हेक्टेयर की दृष्टि से कोशा 18231 (11.89) प्रमाप को. 0238 की तुलना में 13.84 प्रतिशत अधिक पाई गई।

                                                                

आंकड़ों के विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन उपरांत उप समिति ने इस प्रजाति को संपूर्ण प्रदेश हेतु स्वीकृत किया है। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने नवविकसित गन्ना किस्म कोलख 16202 (शीघ्र) तथा कोलख 15206 (मध्यदेर) के आंकड़ों के विस्तृत अध्ययन के बाद इस गन्ना किस्म तथा कोलख. 15206 (मध्यदेर) को प्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश हेतु स्वीकृत किए जाने पर अपनी सहमति प्रदान की है। इन गन्ना किस्मों के बीज आगामी वर्ष में शरदकालीन गन्ना बुआई से कृषकों को उपलब्ध हो सकेंगे।