अब लगेगा खाद की कालाबाजारी पर अंकुश      Publish Date : 13/08/2025

         अब लगेगा खाद की कालाबाजारी पर अंकुश

“कृषि मंत्री ने पीओएस सिस्टम में बदलाव के लिए केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने दिए सुझाव”-

खरीफ सीजन में उर्वरक की सुचारू आपूर्ति को लेकर परेशान प्रदेश सरकार अब खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए व्यवस्था में तकनीकी एवं अन्य आवश्यक बदलाव करने पर विचार कर रही है।

                                                    

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसके लिए केन्द्रीय उर्वरक मंत्री जे पी नड्ड़ा को कुछ अहम सुझाव दिए हैं। इन सुझावों में लाइव जियो को-ऑर्डिनेट से पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) डिवाइस को टैग करना भी शामिल है, जिससे मशीन केवल सम्बन्धित उर्वरक केन्द्र पर ही  उपायोग की जा सके। मशीन का संचालन प्रातः 8.00 बजे से रात्री 8.00 बजे तक ही करने के हिसाब से आईडी निर्धारित करने और किसानों के लिए पीओएस मशीन से उर्वरक क्रय करने करने की सीमा 35 बोरी प्रतिमाह तक करने का अनुरोध भी किया गया है।

चालू खरीफ सीजन मे उर्वरक की माँग गत सीजन की अपेक्षा बढ़ी है। अब तक 19.30 लाख टन यूरिया, 3.98 लाख टन डीएपी और 1.73 लाख टन एनपीके का वितरण हो चुका है और बावजूद इसके माँग में कमी नहीं आने के संकेत बने हुए हैं। गत 23 जून को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दिल्ली में केन्द्रीय उर्वरक मंत्री जे पी नड्डा से मुलकात कर समय से ही उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति हेतु अनुरोध किया था। इस मुलाकात में उर्वरक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए केन्द्रीस मंत्री को कुछ सुझाव भी दिए गए थे।

इन उपायों में कहा गया है कि डीबीटी पोर्टल बार-बार उर्वरक लेने वाले का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर प्रदर्शित कराए जाने का विकल्प उपलब्ध कराया जाना, जिससे सन्देह होने पर स्थिति की वास्तविकता का पमा लगाया जाना आसान हो।

डीबीटी पोर्टल फार्मर सेल की तरह राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों, राजकीय बागवानी एवं राजकीय गन्ना प्रक्षेत्र के लिए भी सेल फॉर गवर्नमेंट एग्रीकल्चर फार्म का विकल्प दिया जाना चाहिए। उर्वरक प्रतिष्ठानों के लाइव जियो को-ऑर्डिनेट अक्षांश और देशांतर के आधार पर पीओएस सेल डिवाइस के साथ टैग होने से निर्धारित सीमा के बाहर उर्वरकों की सेल पर प्रतिबन्ध लगाया जा सकेगा।

पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक के समय यह भी प्रदर्शित होना चाहिए कि सम्बन्धित किसान के द्वारा माह में कितने खाद विक्रेताओं से कितनी मात्रा में उर्वरकों का क्रय किया गया है।

                                                   

कृषि मंत्री के द्वारा दिए गए सुझावों में यह भी कहा गया है कि उर्वरकों की खरीद की मॉनिटरिंग में एक से अधिक क्रेताओं के नाम में समानता होने के कारण संदिग्धता का पता लगाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान हेतु पीओएस मशीन पर बॉयोमेट्रिक के समय ही क्रेता की एक ऐसी यूनीक आईडी जनरेट होने की व्यवस्था की जाए, जिससे रिटेवलार-क्रेतावार पीओएस सेल का विवरण निकालते समय क्रेता का नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ ही उसकी यूनीक आईडी भी प्रदर्शित हो।

वाहनों पर जीपीएस की व्यवस्था होगी अनिवार्यः

कृषि मंत्री के द्वारा इिए गए सुझावों में प्लांट से सड़क मार्ग के द्वारा प्राइमरी उर्वरक मूवमेंट, रेलवे ट्रैक प्वाइ्रट्स से जनपदों तक सेकेण्डरी उर्वरक मूवमेंट वाले ट्रकों पर जीपीएस ट्रैकिंग की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने का भी अनुरोध किया गया है। ऐसा करने से उर्वरकों के अवैध मूवमेंट्स पर भी त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी।