तरबूज किसान मुश्किल में      Publish Date : 02/05/2025

                     तरबूज किसान मुश्किल में

अमित वर्मा ने करीब 5 से एकड़ अगैती तरबूज बोए थे, जिसमें करीब 6 लाख रुपए की लागत आई थी। इस प्रकार उन्हें 15-20 लाख रुपए की फसल के होने का अनुमान था लेकिन अब 50 हजार रुपए तक निकालना भी मुश्किल है। अमित के अनुसार उन्होंने तरबूज की बुआई दिसंबर माह में की थी और जनवरी-फऱवरी तक उनकी फसल अच्छी रही और मार्च में अचानक 4 दिनों के अंदर पूरा पौधा सूख गया, यह वो समय था जब फल 1-2 किलो वजन के थे।

अमित के मुताबिक उनका दवा का खर्च भी नहीं निकल पाया है। पूरे खेत में बर्बादी का एक मंजर है। अमित को तरबूज के साथ ही खरबूजे की फसल में भी भारी नुकसान हुआ है।

तरबूज से नुकसान उठाने वाले में यूपी में बाराबंकी के सिर्फ अमित वर्मा ही नहीं हैं, उनके जैसे हजारों किसान है, जिनकी फसल पूरी की पूरी बर्बाद हो चुकी है। कुछ ने आलू के मुनाफे को तरबूज में लगाया था वो भी अब डूब गया तो कुछ ने खर्ज लेकर तरबूज बोया था क्योंकि इसमें कम दिनों में ज्यादा मुनाफा होता रहा है।

किसान जागरण की टीम ने इस नुकसान को लेकर बाराबंकी जिले के कई किसानों के साथ ही खाद-बीज दुकानदारों और एक्सपर्ट से बात की।

                                                   

बाराबंकी के सांसद तनुज पूनिया ने हमारी टीम को बताया कि जिले में बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती होती आई है लेकिन इस बार ताईवान की कंपनी का तरबूज का बीज 3 कुंटल की जगह सिर्फ 1 कुंटल ही बिका है, जबकि बाकी की ब्लैक मार्केटिंग हुई है, जिसके चलते बीज ढाई लाख रुपए का बिका है। उन्होंने इस मामले में किसानों को मुआवजे के लिए शासन को पत्र लिखा है।

वहीं कई किसानों का मानना है कि यह नुकसान fusarium wilt चलते हुआ है, वहीं कई किसानों के अनुसार फरवरी में अधिक तापमान और मार्च में कम तापमान के चलते नुकसान हुआ है। हालांकि, कई किसानों ने यह भी कहा कि समस्या बीज में ही थी।