
सरकार का प्रथम कृषि-कुंभ नवम्बर माह में आयोजित किया जाएगा- Publish Date : 24/07/2023
सरकार का प्रथम कृषि-कुंभ नवम्बर माह में आयोजित किया जाएगा-
विशेषताएं-
- भारत में आयोजित यह कुंभ विश्व स्तर का होगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते र्हैं।
- इस कृषि कुंभ के दौरान खेतीबाड़ी से सम्बन्धित प्रत्येक अत्याधुनिक तकनीक का सजीव प्रदर्शन किया जाएगा।
- कुंभ के तकनीकी सत्रों में देश के जाने-माने कृषि विशेषज्ञों से साक्षात मिल सकेंगे किसान भाई।
आज के इस तकनीकी युग में कृषि क्षेत्र भी इसका अपवाद नही है। देश-दुनिया और खेती-बाड़ी से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के द्वारा विकसित अद्यतन तकनीक एवं नवाचार आज किसानों की जरूरत बन चुकी है। इसी के सम्बन्ध में काफी पहले दिया गया नारा ‘‘लैब टू फील्ड’’ को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वर्ष के नवम्बी माह में कृषि कुंभ का आयोजन करने जा रही है।
लखनऊ में प्रस्तावित कृषि-कुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से हो सकता है। योगी सरकार 2.0 को यह पहला कृषि कुंभ होगा। इससे पहले योगी सरकार 1.0 में वर्ष 2018 में 25 से 28 अक्टूबर तक प्रदेश में पहली बार कृषि कुंभ का आयोजन लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में किया गया था और इस बार भी कृषि कुंभ के आयोजन का स्थल वही रहेगा।
किसानों के साथ ही उद्यमियों के लिए भी रहेंगे समान अवसर
कृषि कुंभ, किसानों के साथ ही खेती-बाड़ी को केन्द्र में रखकर विभिन्न उपकरण बनाने वाली कम्पनियों के लिए भी यह एक बेहतरीन अवसर सिद्व होगा। इन कम्पनियों को अपनी तकनीक एवं उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन एवं इनके सक्षम क्रेताओं के समक्ष प्रचार एवं प्रसार का शानदार अवसर भी प्राप्त होगा।
ख्ेती-बाड़ी से सम्बन्धित समस्त विभाग लेंगे कृषि कुंभ में भाग
नवम्बर में आयोजित किए जाने वाले इस कृषि कुंभ में कृषि कंे साथ ही खेती-बाड़ी से सम्बन्धित विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं के अपने साथ स्टॉल लगाएंगे। इसके साथ ही खेती-बाड़ी के बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों का भी जीवंत डिमाँस्ट्रेशन भी किया जाएगा। इसमें पशु-पालन, गन्ना, रेशम, मत्स्य, उद्यान एवं उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम आदि सभी विभाग शामिल होंगे।
कृषि कुंभ के दौरान इन विषयों पर रहेगा फोकस
कृषि कुंभ के अन्तर्गत फसल विविधीकरण, जैविक खेती, भू-जल संरक्षण, फल एवं फूलों की खेती, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, प्राकृतिक खेती एवं औषधीय पौधों की खेती आदि। पशु-पालन के उन्नत तरीकों के अतिरिक्त कुक्कुट, तीतर, बटेर, बकरी पालन और मछली के साथ ही बत्तख-पालन, सिंघाड़ें एवं मखाने की खेती, रंगीन एवं सजावट के लिए मछली पालन, रेशम की खेती, ऊसर भूमि में सुधार और एग्रो फॉरेस्ट्री आदि के सम्बन्ध में किसानों को जानकारी प्रदान की जाएगी।
महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाओं का आयोजन
कृषि कुंभ के इस अवसर पर कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएगी। संस्थान के सभागार के अतिरिक्त आयोजन स्थल पर इनके लिए अलग से तीन अन्य सभागार भी उपलब्ध रहेंगे।
अलग-अलग सत्रों के विषय एवं पैनल विशेषज्ञों का चयन, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा किया जाएगा। जबकि प्रस्तावित विषयों के अन्तर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों की उपयोगिता, कृषि क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की भूमिका, डिजिटल कृषि, कृषि के क्षेत्र से सम्बन्धित स्टार्टअप्स, कृषि यन्त्रीकरण के लाभ और पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन आदि विषय होगे।
इसके अलावा कुछ कम्पनियों एवं संस्थाओं से एमओयू भी होंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय कृषि कुंभ के माध्यम से किसान भाई वैश्विक स्तर की तकनीकों के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, और इनमें से कुछ प्रगतिशील और नवाचारी किसान इन तकनीकों का उपयोग भी कर सकते हैं, और इन किसानों की देखा-देखी आसपास के किसान भी ऐसा कर सकते हैं।
इस प्रकार यह क्रमशः एक सिलसिला बनता चला जायेगा और किसानों की आय भी बढेगी और वे खुशहाल होते जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही हम सब भी यही चाहते हैं और कृषि कुंभ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भी यही है।