मिर्च की उन्नत प्रजातियाँ      Publish Date : 31/03/2025

                     मिर्च की उन्नत प्रजातियाँ

                                                                                                         प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं गरिमा शर्मा

भारत में मिर्च की खेती व्यापक रूप से की जाती है और देश की प्रत्येक रसोई में मिर्च का उपयोग किया जाता है। मिर्च में तीखापन एक अलकानोइड की उपस्थिति के कारण होता है। मिर्च का उत्पादन लगभग पूरे देश में ही किया जाता है और यह लगभग प्रत्येक भारतीय व्यंजन का सबसे महत्वपूर्ण सब्जी मसाला और अवयव होता है।

हरी मिर्च, साबुत सूखी हुई मिर्च, मिर्च पाउडर, मिर्च पेस्ट, मिर्च सॉस, मिर्च ओलियारेसिन और मिश्रित करी पाउडर आदि सब मिर्च के तीखे स्वरूप ही हैं। भारत में विभिनन प्रकार की मिर्चों की खेती की जाती है।

                                                    

देश में मिर्च का उत्पादन एक बड़े पैमाने पर किया जाता है, मिर्च की खेती करने के लिए आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है, मिर्च की खेती के लिए 15 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान का होना आववश्यक है। भारत में मिर्च की अलग-अलग किस्में उपलब्ध हैं जो कि विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों के द्वारा लाँच की गई हैं, मिर्च की उन्नत किस्म का विवरण हमारे इस लेख में विस्तार पूर्वक किया गया जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं:-

अर्का मेघना मिर्च

                                       

अर्का मेघना, मिर्च की उच्च उत्पादन प्रदान करने वाली एक प्रमुख संकर किस्म है, मिर्च की इस प्रजाति की मिर्च की लम्बाई 10 से.मी. तक की होती है, यह शीघ्र ही पकने वाली किस्म है, जो प्रतिरोपण के 25 दिनों के बाद अपने 50 प्रतिशत तक के फूल विकसित कर लेती है। मिर्च की इस प्रजाति की अवधि 150 से 160 दिनों तक की होती है। इसके साथ ही यह प्रजाति चूर्णिल आसिता एवं वायरस के प्रति सहनशील भी होती है।

पूसा ज्वाला

मिर्च की इस प्रजाति की हरी मिर्च का उत्पादन 7.5 टन/हेक्टेयर तक मिल जाता है। इसके पौधे छोटे और झाड़दार होते हैं, मिर्च की लम्बाई 9-0 से.मी., रंग हल्का हरा, पतली, घुमावदार और स्वाद मध्यम तीख लिए हुए होती है। इसके अतिरिक्त मिर्च की यह किस्म मोजेक रोग के प्रति सहनशील होती है।

अर्का श्वेता

यह भी मिर्च की उन्नत किस्म है जिसकी मिर्च की मोटाई 1.2 से 1.5 और लम्बाई लगभग 13 से.मी. होती है। यह किस्म विषाणु रोग की प्रतिरोधी होती है। इस किस्म की उपज 28 से 30 टन और 4-5 टन तक लाल मिर्च प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती हैं।

काशी सुर्ख

                                                     

मिर्च की इस प्रजाति के पौधे सीधे होते हैं और 70 से 100 से.मी. तक की मोटाई वाले फल होते हैं। मिर्च की इस किस्म की पहली तुड़ाई पौध रोपण के 25 से 30 दिन के बाद की जा सकती है। इसका उत्पादन हरी एवं लाल दोनों प्रकार से ही अच्छा होता है। काशी सुर्ख एक संकर किस्म है। मिर्च की इस किस्म की उपज 20 से 25 टन तक हरी एवं 3 से 4 टन प्रति हेक्टेयर तक लाल मिर्च का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।