मशरूम उत्पादन की संपूर्ण जानकारी      Publish Date : 15/03/2025

               मशरूम उत्पादन की संपूर्ण जानकारी

                                                                                           प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी

कुकुरमुत्ता यानी मशरूम एक पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी होती है, जिसकी खेती करने से किसान अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। मशरूम का उत्पादन कम जगह, कम लागत और कम समय में किया जा सकता है।

मशरूम की प्रमुख किस्में

                                                  

मशरूम की विभिन्न किस्में होती हैं, लेकिन सब्जी के रूप में उपयोग होने वाली मुख्य किस्में निम्न हैं:-

1. बटन मशरूम (White Button Mushroom) – मशरूम की यह किस्म सब्जी के रूप में उपयोग करने के लिए सबसे अधिक उगाई जाती है।

2. ढिंगरी मशरूम (Oyster Mushroom) – मशरूम की इस किस्म को कम तापमान और कम लागत में बेहतर ढंग से उगाया जा सकता है।

3. मिल्की मशरूम (Milky Mushroom) – मशरूम की यह किस्म गर्मी में उगाने के लिए उपयुक्त होती है। मशरूमकी इस किस्म का रंग सफेद होता है।

4. पैडी स्ट्रॉ मशरूम (Paddy Straw Mushroom) – मशरूम की इस किस्म को धान की पुआल (पराली) पर उगाया जाता है।

मशरूम उत्पादन के लिए आवश्यक आदान

मशरूम की खेती के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। मशरूम को उगाने के लिए निम्नलिखित आदानों की आवश्यकता होती है-

स्थानः अंधेरी, नमीयुक्त और हवादार स्थान जैसे- कमरे, ग्रीनहाउस और शेड आदि।

मशरूम के लिए आवश्यक तापमानः 18-25°C बटन मशरूम, 25-30°C ढिंगरी और मिल्की मशरूम के उत्पादन के लिए आवश्यक है।

नमी का स्तरः मशरूम के उत्पादन के लिए नमी का उचित स्तर 70-80 प्रतिशत होना आवश्यक है।

आवश्यक सामग्रीः भूसा (गेहूं या धान का), गत्ते, गुड़, यूरिया, जिप्सम और मशरूम के बीज (स्पॉन)।

उपयोग में आने वाले बर्तनः प्लास्टिक बैग, ट्रे या लकड़ी के बक्से आदि का उपयोग मशरूम के उत्पादन में किया जाता है।

मशरूम के उत्पादन की विधिः

(A) कम्पोस्ट तैयार करना (बटन मशरूम के लिए)

                                                 

1. गेहूं का भूसा या धान की पुआल लें और इसे 4-5 दिनों तक पानी से गीला करें।

2. इसमें यूरिया, जिप्सम और मुट्ठी भर गुड़ मिलाएं।

3. 20-25 दिनों तक इसे ढककर रखें और हर 4-5 दिन में इसको पलटते रहें।

4. जब कम्पोस्ट काली भूरी और गंध रहित हो जाए, तब मशरूम को तैयार समझना चाहिए।

(B) बीज बोना (स्पॉनिंग)

1. तैयार कम्पोस्ट को लकड़ी के बक्सों, ट्रे या प्लास्टिक बैग में भरें।

2. उसमें मशरूम के बीज (स्पॉन) को अच्छी तरह मिलाएं।

3. इसको 18-25°C तापमान पर 15-20 दिन के लिए छोड़ दें।

4. जब सफेद जाल जैसा माइसीलियम दिखने लगे, तो ऊपर से पकी हुई मिट्टी (केसिंग) डालें।

(C) देखभाल और सिंचाई

1. नमी का उचित स्तर बनाए रखने के लिए दिन में 2-3 बार इस पर हल्का पानी छिड़कते रहें।

2. सीधी धूप से बचाएं और हल्की रोशनी बनाए रखें।

3. इसमें वायु का हल्का संचार का होना भी आवश्यक है।

4. 30-35 दिन में मशरूम उगने लगते हैं।

4. कटाई और बिक्री

  • जब मशरूम पूरी तरह विकसित हो जाए, तो उसे हल्के हाथों से तोड़ लेना चाहिए।

मशरूम को तुरंत बाजार में भेजें या उसे सुखाकर स्टोर करें।

ताजा मशरूम ₹100-₹300 प्रति किलो बिकता है, जबकि सुखा मशरूम ₹800-₹1500 प्रति किलो तक में बिक सकता है।

5. मशरूम उत्पादन से मुनाफा

अगर 1 कमरे (10Û10 फीट) में 100 किलो मशरूम उगाया जाए, तो लगभग ₹20,000 - ₹30,000 की कमाई हो सकती है।

यदि कोई किसान 1 एकड़ में व्यावसायिक रूप से मशरूम की खेती करता है, तो इससे किसान को सालाना ₹5-10 लाख तक की आय हो सकती है।

मशरूम उत्पादन के लाभ

  • कम लागत, अधिक मुनाफा।
  • कम जगह में भी उत्पादन संभव।
  • बेरोजगार युवा और छोटे किसान भी मशरूम उत्पादन आसानी से कर सकते हैं।
  • मशरूम स्वास्थ्यवर्धक और बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी रहती है।

मशरूम उत्पादन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ

                                           

नमी और तापमान का स्तर उचित बनाए रखें, ज्यादा सूखने या ज्यादा गीला होने से मशरूम की फसल खराब हो सकती है।

  • फफूंद और कीटों से बचाव के लिए उचित सफाई रखें।
  • गुणवत्ता वाले स्पॉन (बीज) ही खरीदें, नहीं तो उत्पादन कम हो सकता है।

निष्कर्ष

मशरूम की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती है। इसे कोई भी छोटे स्तर पर या बड़े व्यावसायिक स्तर पर शुरू कर सकता है। अगर सही तकनीक और देखभाल से उत्पादन किया जाए, तो किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।