गेहूं की बुआई की वैज्ञानिक विधि नतीजा बंपर होगी पैदावार      Publish Date : 09/11/2024

        गेहूं की बुआई की वैज्ञानिक विधि नतीजा बंपर होगी पैदावार

                                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 कृशानु

गेहूं की बुआई करने से पहले मिट्टी का सैंपल लेकर और मिट्टी के परीक्षण के आधार पर फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें। गेंहू को बिखेरकर नहीं, बल्कि सीट ड्रिल से गेहूं की बुवाई करें और 1 एकड़ में 40 किलोग्राम गेंहूँ के बीज की बुआई करना उचित रहता है।

                                                                         

कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने हमारी ब्लॉग टीम से बात करते हुए बताया कि किसान भाई सबसे पहले अपने खेत की तैयारी करने के लिए खेत की अच्छे से जुताई करें। खेत की जुताई करने से पहले खेत की मिट्टी का सैंपल लेकर किसी लैब में उसकी जांच कराएं और मिट्टी के परीक्षण के आधार पर संस्तुत किए गए फर्टिलाइजर का प्रयोग करें।

अपने क्षेत्र में पोषक तत्वों फास्फोरस, पोटाश, जिंक, बोरान आदि की कमी के अनुसार इनकी कमी को दूर करने के लिए किसान संतुत उर्वरकों को बीज के नीचे डालें। गेंहू की बुआई बिखेरकर नहीं बल्कि सीड ड्रिल की सहायता से बुवाई करें। बीज की बुआई बिखेरकर करने से बीज की मात्रा अधिक लगती है और इसका जमाव भी कम ही होता है।

                                                                    

1 एकड़ में 40 किलोग्राम बीज से बुआई करें। पछेते गेहूं की बुआई के दौरान 50 किलोग्राम बीज को टेबुकोनाजोले दवाई में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से बुआई करें, ऐसा करने से बीज के अंदर और बाहर की फफूंदी खत्म हो जाती हैं। गेहूं की बुवाई से 3 घंटे पहले बीज में 5 किलो प्रति एमएल क्लोरपाइरीफोस दवाई को लगाना चाहिए।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।