
रबी के मौसम में खेती करने के लिए उपयोगी फसलें Publish Date : 11/10/2024
रबी के मौसम में खेती करने के लिए उपयोगी फसलें
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
खेती करने के वर्तमान आधुनिक के दौर में किसान पारंपरिक खेती से अलग हटकर, नवीन तकनीकों और मशीनों का उपयोग बढ़चढ़कर कर रहे हैं। हालांकि, यह भी सत्य है कि एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए किसानों को मौसम की सटीक जानकारी और खेती करने की उन्नत तकनीकों की सही जानकारी का होना भी अत्यंत आवश्यक है।इसीके संदर्भ में हमारे विशेषज्ञ बता रहें हैं कुछ फसलों के बारे में जिनकी खेती इस मौसम में किसान करेंगे तो उनकी आय भी बढेगी और वह जल्द ही आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
अक्टूबर के महीने को रबी फसल की शुरुआत का महीना माना जाता है और इस महीने में लोग रबी के मौसम की फसलों की खेती करते हैं। ऐसे में यदि आप भी चाहते हैं कि इस सीजन में आप खेती कर अच्छी कमाई कर सकें, तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही फसलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती कर आप न केवल अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि इनसे आपकी अच्छी खासी कमाई भी हो जाएगी। गौरतलब है कि रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और किसान फसलों की बुवाई और उनकी देखभाल करने में जुटे हुए हैं।
इस सीजन में गेहूं, जौ, चना, मटर, मक्का जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई की जाती है। रबी के मौसम की यह फसलें कम तापमान में उगाई जाती हैं और इनकी कटाई फरवरी-मार्च में की जाती है। आलू, टमाटर, बैंगन, भिंडी, पालक और गाजर जैसी सब्जियां भी इस सीजन में उगाई जाती हैं। आधुनिक खेती के इस दौर में किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर नई तकनीकों और मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, अच्छी फसल के लिए उन्हें मौसम की जानकारी और खेती की सही तकनीकों की भी जानकारी होनी आवश्यक है। सही समय पर बुवाई और देखभाल न होने पर फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
रबी के मौसम की सबसे प्रमुख फसल
गेंहूँ:- रबी मौसम की सबसे प्रमुख फसल गेहूं फसल मानी जाती है। गेहूं की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए मध्य अक्टूबर से लेकर मध्य नवंबर तक गेहूं की फसल को बोया जाना चाहिए। बुवाई से पहले बीजों की गुणवत्ता और उनके उपचार पर भी ध्यान देना जरूरी होता है।
जौः- जौ भी रबी के मौसम में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल है। इसके लिए अच्छी सिंचाई की व्यवस्था होना जरूरी है। जौ की बुवाई 15 नवंबर तक कर देनी चाहिए। अगर बीज प्रमाणित नहीं है, तो उन्हें बोने से पहले थीरम और एजोटोबैक्टर आदि से उपचारित करना चाहिए, जिससे कि बीज का अंकुरण सही तरीके से हो सके।
चनाः- चने की बुवाई 20 नवंबर तक कर लेनी चाहिए और बुवाई के 25-30 दिन बाद निराई-गुड़ाई से खरपतवार को नियंत्रित करना चाहिए।
कुछ अन्य फसलों की भी कर सकते हैं खेती
मटरः- मटर की बुवाई अक्टूबर से मध्य नवंबर तक की जानी चाहिए। मटर की पहली सिंचाई बुवाई के 35-40 दिन बाद की जाती है और उसके 6-7 दिन बाद जब मटर पर फलियां आने लगे तो निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।
मक्काः- मक्का की बुवाई भी इसी समय की जाती है, विशेषरूप से ऐसे क्षेत्रों में, जहां सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था उपलब्ध होती है। शीतकालीन मक्के की बुवाई नवंबर के मध्य तक पूरी कर लेनी चाहिए और बुआई करने के लगभग 25-30 दिन के बाद इसकी पहली सिंचाई करनी चाहिए। इन फसलों की देखभाल और सिंचाई के सही तरीके अपनाकर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।